सावन सोमवार विशेष : रहस्यों से भरा है शंकर घाट का शिव मंदिर, मुसलमान रियाज बाबा बताते हैं आंखों देखी कहानी | Shankar Ghat's Shiva temple is full of secrets Muslim Riyaz Baba tells the story of eyes

सावन सोमवार विशेष : रहस्यों से भरा है शंकर घाट का शिव मंदिर, मुसलमान रियाज बाबा बताते हैं आंखों देखी कहानी

सावन सोमवार विशेष : रहस्यों से भरा है शंकर घाट का शिव मंदिर, मुसलमान रियाज बाबा बताते हैं आंखों देखी कहानी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : August 3, 2020/4:28 am IST

बालाघाट । जिले में स्थित शंकरघाट शिव मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है । लोगों की मनोकामना पूरी करने वाले भगवान शिव के इस मंदिर को लेकर प्राचीन रहस्यों का गढ़ भी माना जाता है। शंकरघाट में बने इस मंदिर के पास गुजर-बसर करने वाले बुजुर्ग मुसलमान बाबा का दावा है कि शिव मंदिर के नीचे प्राचीन गर्भ गृह है, जहां प्राचीन शिव पार्वती की प्रतिमा है, यहां सुरंग है, जहां से एक पुजारी ब्रम्हमुहूर्त में पूजा करने आते हैं। बाकायदा इसमें प्राचीन मंदिर होने और सुरंग के दावे का समर्थन इतिहासकार और पुरातत्व विशेषज्ञ भी करते हैं।

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बालाघाट मुख्यालय में बैनगंगा नदी के किनारे शंकरघाट में स्थित शिव मंदिर प्राचीन समय से आस्था का केंद्र है । यहां बालाघाट के ही नहीं बल्कि दूर दूर से भोलेनाथ के भक्त अपनी मनोकामना लेकर पंहुचते हैं। यहीं स्थित शिवलिंग की पूजा करके भक्त अपनी मुराद पूरी करते हैं, सामान्यतः इस मंदिर को भक्त आस्था के केंद्र के तौर पर ही जानते हैं, लेकिन इस मंदिर के अतीत को लेकर जो दावे किए जा रहे हैं, वह यकीनन चौंकाने वाले हैं। ये दावे कई रहस्यों को जन्म दे रहे हैं।

दरअसल शंकरघाट में ही मोटर पम्प में कई वर्षों तक कार्य करने वाले उम्र दराज़ मुसलमान बाबा रियाज खान ने दावा किया है कि वर्तमान में मौजूद शिव मंदिर के ठीक नीचे ही प्राचीन शिव मंदिर है, जहां गर्भगृह में भगवान शंकर और माता पार्वती की प्राचीन प्रतिमा है। इसी प्राचीन मंदिर के नीचे रहस्यों से भरी सुरंग और हैरान करने वाले राज भी है।

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आस्था के लिहाज से देखे तो ये शिव मंदिर वर्षो पुराना है, शंकरघाट में कार्य करने वाले रियाज बाबा आंखो देखी बातें बताते हुए कहते हैं कि इस मंदिर में बहुत से रहस्यमयी चमत्कार उन्होंने खुद देखे हैं, उन्होंने यहां भोलेनाथ की अनुकम्पा पाई है, उससे उनकी भोलेनाथ और इस मंदिर पर बेशुमार यकीन है। रियाज बाबा ने बताया कि उन्होंने प्राचीन मंदिर में ब्रम्हमुहूर्त के समय एक साधु को पुजारी के भेष में भी देखा है, जिनको उन्होंने बाकायदा बैनगंगा नदी में नहाने के बाद मंदिर में आते-जाते देखा है। बाबा रियाज के बताए मुताबिक मंदिर में पूजन के बाद पुजारी अदृश्य हो जाते हैं। रियाज बाबा की माने तो वह पुजारी प्रतिदिन पूजा करने आते है।

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इतिहास पुरातत्व संग्रहालय के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह गहरवार ने भी रियाज बाबा के दावे का समर्थन करते हैं। गहरवार के मुताबिक शंकरघाट में शिव मंदिर के भीतर जाकर शिवलिंग के बाजू से ही प्राचीन मंदिर और गर्भ गृह जाने का रास्ता है, जो पिछले 50-60 वर्षों से बंद है। यहां शिवलिंग के पास ही दो भोलेनाथ के वाहन नंदी की दो प्रतिमा हैं, जिसमें एक प्रतिमा अति प्राचीन है । प्राचीन नंदी की प्रतिमा ही प्राचीन शिव पार्वती के अद्भुत प्रतिमा के दौर की है जो जीर्णोद्धार के बाद ऊपर स्थापित की गई है। गहरवार की माने तो मंदिर के सामने ही वैनगंगा नदी के किनारे से प्राचीन मंदिर में जाने की सुरंग भी है।

 
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