कांग्रेस की 'प्रिय बेटी' शीला दीक्षित का निधन, पीएम नरेंद्र मोदी- राहुल गांधी सहित तमाम बड़े नेताओं ने दी श्रध्दांजलि | Sheila Dikshit dies of Congress' dear daughter Prime Minister Narendra Modi- Many of the great leaders including Rahul Gandhi paid homage

कांग्रेस की ‘प्रिय बेटी’ शीला दीक्षित का निधन, पीएम नरेंद्र मोदी- राहुल गांधी सहित तमाम बड़े नेताओं ने दी श्रध्दांजलि

कांग्रेस की 'प्रिय बेटी' शीला दीक्षित का निधन, पीएम नरेंद्र मोदी- राहुल गांधी सहित तमाम बड़े नेताओं ने दी श्रध्दांजलि

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : July 20, 2019/3:36 pm IST

नई दिल्ली। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का निधन हो गया। वह 81 साल की थीं वे लंबे समय से बीमार चल रही थीं। उनका एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। दोपहर 3 बजकर 5 मिनट पर उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। 3 बजकर 55 मिनट पर उनका निधन हो गया।

शीला दीक्षित साल 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। शीला दीक्षित के नेतृत्व में लगातार तीन बार कांग्रेस ने दिल्ली में सरकार बनाई। वह सबसे लंबे समय यानि 15 साल तक दिल्ली की सीएम रहीं।

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शीला दीक्षित कांग्रेस की कद्दावर नेता रहीं हैं। शीला दीक्षित दिल्ली में हार गईं लेकिन उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस ने अपना चेहरा बनाया। कांग्रेस ने शीला दीक्षित के अनुभव और उनकी छवि को परखा और उसका लोहा भी माना। कांग्रेस ये बात बखूबी जानती थी कि शीला दीक्षित शासन-प्रशासन की बारीकियों को तो समझती ही हैं, साथ में वो भले ही दिल्ली की राजनीति करती रही हों पर बहू यूपी की ही हैं। वो कन्नौज भी यूपी में ही है जहां से उन्होंने 1984 में लोकसभा चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी। कांग्रेस शीला दीक्षित को ब्राह्मणों का वोट भी रिझा सकने में सक्षम मानती रही है।

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शीला दीक्षित का दिल्ली में उनका पंजाबी पृष्ठभूमि से आना हमेशा कांग्रेस के लिए फायदेमंद रहा है। यही वजह है कि इतनी उम्र हो जाने के बावजूद एक बार फिर राहुल गांधी ने उन्हें ही दिल्ली के मोर्चे पर ना सिर्फ लगाया बल्कि लोकसभा चुनाव भी लड़वाया। हालांकि ये बात भी सच है कि 2013 से उनकी हार का दौर शुरू हुआ तो वो थमा नहीं।

ये बात लोगों को हमेशा हैरान करती रही कि युवा नेताओं से भरी कांग्रेस में भी 81 साल की शीला दीक्षित आखिरी समय तक सक्रिय रही और ना सिर्फ ज़ोरशोर से काम करती रहीं बल्कि पार्टी के बाहर और भीतर भी प्रतिद्वंद्वियों के लिए चुनौती बनी रहीं। उनकी सक्रियता का अनुमान ऐसे लगाइए कि अपनी मौत के दिन से पहले तक वो मीडिया में अपने बयानों से सुर्खियों में थीं।

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जब शीला दीक्षित को दिल्ली का कार्यभार सौंपा गया तब दिल्ली प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था कि- शीला दीक्षित की सबसे बड़ी खासियत ये है कि वो सबके साथ सहज हैं। सबके साथ आसानी से घुलमिल जाती हैं. इससे पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें अपना समझते हैं और उनकी प्रेरणा से खुशी के साथ पार्टी के काम को आगे बढ़ाते हैं जिससे पार्टी को मजबूती मिलती है।

पीएम मोदी समेत देश के तमान नेताओं ने दी श्रध्दांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीला दीक्षित के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान पीएम मोदी ने शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित से बातचीत की । कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने शीला दीक्षित को अगर कांग्रेस की प्यारी बेटी करार दिया । शीला दीक्षित के निधन पर देश के तमाम बड़े नेताओं ने उन्हें श्रध्दांजलि दी। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि दी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यशवंत सिन्हा और अभिनेत्री शर्मिला टेगोर ने निजामुद्दीन स्थित घर जाकर शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई दिग्गज नेताओं ने शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि दी। सांसद और दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने शीला दीक्षित के निधन का समाचार पाकर बेहद भावुक हो गए। यहां तक कि दिल्ली में लंबे वक्त तक उनके प्रतिस्पर्धी रहे केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन भी गमगीन थे।

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निधन पर दुख जताते हुए शनिवार को उन्हें पार्टी की ‘प्रिय बेटी’ बताया. गांधी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के तौर पर राष्ट्रीय राजधानी के लोगों की निःस्वार्थ भाव से सेवा की। गांधी ने ट्वीट कर कहा, “मैं शीला दीक्षित जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुखी हूं। वह कांग्रेस पार्टी की प्रिय बेटी थीं जिनके साथ मेरा नजदीकी रिश्ता रहा।’ उन्होंने कहा, ‘दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और दिल्ली के निवासियों के प्रति मेरी संवेदनाएं है।

शीला दीक्षित का अंतिम संस्कार रविवार को दोपहर ढाई बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर होगा. उनके पार्थिव शरीर को उनकी बहन के घर रखा गया है, जहां कई वरिष्ठ नेताओं ने पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. रविवार को दोपहर 12 बजे शीला दीक्षित का पार्थिव शरीर कांग्रेस दफ्तर में रखा जाएगा।

शीला दीक्षित के निधन पर देखिए बड़े नेताओं की प्रतिक्रिया-

<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>Former Prime Minister Manmohan Singh: It is great loss for the country &amp; Congress party. Delhi has lost an outstanding leader &amp; administrator who transformed the state beyond recognition. Country will remember her contribution towards the transformation of Delhi for a long time. <a href=”https://t.co/d3rbGNMD9c”>pic.twitter.com/d3rbGNMD9c</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1152593321203814400?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 20, 2019</a></blockquote>
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