शिवसेना ने दिया उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को मुख्यमंत्री पद का ऑफर, होटलों में नजरबंद हुए सभी विधायक | Shiv Sena offers Deputy Chief Minister Ajit Pawar as Chief Minister, all MLAs detained in hotels

शिवसेना ने दिया उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को मुख्यमंत्री पद का ऑफर, होटलों में नजरबंद हुए सभी विधायक

शिवसेना ने दिया उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को मुख्यमंत्री पद का ऑफर, होटलों में नजरबंद हुए सभी विधायक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:01 PM IST, Published Date : November 25, 2019/8:14 am IST

मुंबई। बीजेपी को सत्ता दूर रखने के लिए शिवसेना अजीत पवार को मुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया है। सूत्रों के मुताबिक शिवसेना ढाई साल के लिए अजित पवार को सीएम पद देने के लिए तैयार है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना अपने-अपने विधायकों को होटलों में ठहराने की व्यवस्था की है, ताकि भाजपा और एनसीपी का बागी गुट उनकी एकता में सेंध न लगा पाएं।

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शिवसेना ने अपने विधायकों को होटल ललित में, कांग्रेस ने जेडबल्यू मैरिअट में और एनसीपी ने रिनेसां में ठहराया है। शिवसेना नेता सुभाष देसाई शिवसैनिक विधायकों से संपर्क बनाए हुए हैं। होटल की घेराबंदी की गई है और वहां से किसी विधायक को बाहर जाने की अनुमति नहीं है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के निर्देश पर विधायकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी मिलिंद नार्वेकर संभाल रहे हैं। उद्धव के उत्तराधिकारी आदित्य ठाकरे भी विधायकों से मिलकर उनका मनोबल बढ़ाने में जुटे हैं।

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एनसीपी में विधायकों को संभालने की जिम्मेदारी जितेंद्र अहवद संभाल रहे हैं। वह खासतौर से गणेश नाइक पर नजर रख रहे हैं, जिन्होंने चुनाव से पहले भाजपा से संपर्क साधने की कोशिश की थी। पार्टी प्रमुख शरद पवार स्वयं अपने विधायकों से मिल रहे हैं, जबकि मुंबई इकाई के प्रमुख नवाब मलिक और विधायक दल के नेता जयंत पाटिल होटल रिनेसां का लगातार चक्कर लगा रहे हैं।

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वहीं, कांग्रेस अपने विधायकों की निगरानी के लिए दिल्ली से आए नेताओं पर निर्भर है। पार्टी ने शुरुआत में अपने विधायकों को मुंबई से बाहर किसी होटल में ठहराने की योजना बनाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने की उम्मीद व शरद पवार की सलाह पर पार्टी ने अपने विधायकों को मुंबई में ही ठहराने का निर्णय लिया है। कांग्रेस के विधायक खासतौर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण की निगरानी में हैं। इन दोनों की अनुमति के बिना कोई कांग्रेस विधायकों से नहीं मिल सकता।

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