शिवराज के बयान से शिक्षाकर्मियों को संजीवनी, कैडर-वरिष्ठता की बाधा नहीं, मोर्चा ने बनाया दबाव | Shivraj On ShikshaKarmi :

शिवराज के बयान से शिक्षाकर्मियों को संजीवनी, कैडर-वरिष्ठता की बाधा नहीं, मोर्चा ने बनाया दबाव

शिवराज के बयान से शिक्षाकर्मियों को संजीवनी, कैडर-वरिष्ठता की बाधा नहीं, मोर्चा ने बनाया दबाव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : May 14, 2018/10:51 am IST

भोपाल/रायपुर। छत्तीसगढ़ में संविलियन की मांग कर रहे शिक्षाकर्मियों को मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज के बयान से राहत मिल सकती है। मध्यप्रदेश की तर्ज पर राज्य में भी शिक्षाकर्मियों की नीति बनाने के लिए छत्तीसगढ़ की टीम मप्र के दौरे पर गई थी। शिवराज ने बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे घोषित करते हुए एक बार फिर दोहराया कि मध्यप्रदेश में शिक्षाकर्मियों का संविलियन शिक्षा विभाग में ही होगा और वो शिक्षक ही बनेंगे। उन्होंने नियमित शिक्षकों को भी आश्वस्त किया कि उनकी वरिष्ठता पर भी की खतरा नहीं है।

मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के इस बयान छत्तीसगढ़ के एक लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों के लिए खासा महत्वपूर्ण है। उनके संविलियन का भी रास्ता खुल सकता है। शिवराज सिंह ने कहा कि समस्त आध्यापकों के संविलियन के लिए नियम बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब अध्यापक नहीं रहेंगे, सब शिक्षक बनेंगे। सब अध्यापक का संविलियन शिक्षा विभाग में कर दिया जाएगा।  एक कैडर, एक व्यवस्था होगी। पुराने शिक्षकों आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि उनके मन में ये भाव था कि अध्यापक अगर शिक्षक बन गये, तो हमारी सीनियरिटी का क्या होगा, उनका रास्ता भी हम निकाल रहे हैं। शिक्षकों की सीनियारिटी बनी रहेगी। उनका पदनाम बदलकर उनकी वरिष्ठता को बरकरार रखा जाएगा।

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मप्र के मुख्यमंत्री ने संविलियन की इस घोषणा के बाद मोर्चा के प्रांतीय संचालक वीरेन्द्र दुबे ने कहा कि उनके बयान से संविलियन का मार्ग को प्रशस्त हुआ है। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार को भी इस दिशा में पहल करनी चाहिए। अब तो ना कैडर का झंझट ना ही वरिष्ठता का। जल्द ही समस्त शिक्षाकर्मियों का संविलियन का फैसला लेना चाहिए। मोर्चा के प्रांतीय उपसंचालक जितेन्द्र शर्मा ने कहा है कि राजस्थान और मध्यप्रदेश का दौरा समाप्त हो गया। कमेटी का कार्यकाल भी समाप्त हो गया।  मप्र में संविलियन की घोषणा हो गई, कैडर और वरिष्ठता के मामले भी समाप्त हो गए, लेकिन छग में अभी भी कमेटी कमेटी का खेल खेला जा रहा है।

वेब डेस्क, IBC24

 
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