सीएम शिवराज ने उपवास तोड़ने के दौरान उनकी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं तो किसानों को राहत पहुंचाने के लिए कई घोषणाएं भी कीं। किसान आंदोलन के मद्देनज़र प्याज खरीदी के बाद कंट्रोल की दुकान से सस्ती प्याज बेचने का ऐलान भी किया गया है, लेकिन सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने निशाना साधा है।
सीएम शिवराज ने उपवास तोड़ने के दौरान सरकार को किसान हितैषी बताया। सीएम ने कहा, कि स्वामीनाथन रिपोर्ट के कई बिंदुओं पर सरकार पहले से काम कर रही है। उन्होने ये भी कहा, कि ज़बरदस्ती किसानों की जमीन किसी भी हालत में नहीं ली जाएगी और लैंड यूज एडवायजरी कमेटी बनाई जाएगी। कृषि उत्पाद लागत और विपणन आयोग का भी गठन किया जाएगा। विलेज नॉलेज सेन्टर बनाए जाएंगे और किसानों को ये बताया जाएगा, कि कितना और क्या उत्पादन करना सही रहेगा।
किसान और उपभोक्ता के बीच के अंतर खत्म करने किसान बाज़ार बनेगा। उपभोक्ता किसान से सीधे माल खरीदेगा। नगर निगम ,नगर पालिका और नगर पंचायत में समर्थन मूल्य के नीचे कोई भी फसल नहीं बिकेगी और समर्थन मूल्य पर फसल नहीं खरीदने को अपराध माना जाएगा। दूध खरीदी अब अमूल दूध पद्धति से की जाएगी। खसरा-खतौनी की नकल किसानों को फ्री में घर पर पहुचाएंगे। डिफाल्टर किसानों को भी कर्ज का लाभ मिले.. इस पर भी काम किया जाएगा ।
किसानों को प्याज उत्पादन का उचित मूल्य देने और प्याज के दाम काबू करने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार किसानों से प्याज आठ रुपए किलो खरीदेगी. और लोगों को यही प्याज दो रुपए किलो में बेचेगी. किसान आंदोलन को देखते हुए प्याज खरीदी के बाद सरकार ने अब कंट्रोल की दुकान से सस्ती प्याज बेचने का ऐलान किया है।वहीं कांग्रेस का कहना है, कि प्याज खरीदी के नाम पर प्रदेश में फिर बड़ी गड़बड़ी होने जा रही है। अब देखना है, सरकार के फैसले से किसानों को कितनी राहत मिलती है।