सौरव गांगुली ने कहा 'काश, धोनी 2003 की मेरी टीम में होते, लेकिन हम वर्ल्‍ड कप खेल रहे थे और वे रेलवे में टीसी थे' | Sourav Ganguly said 'I wish Dhoni would have been in my 2003 team, but we were playing World Cup and he was TC in Railways'

सौरव गांगुली ने कहा ‘काश, धोनी 2003 की मेरी टीम में होते, लेकिन हम वर्ल्‍ड कप खेल रहे थे और वे रेलवे में टीसी थे’

सौरव गांगुली ने कहा 'काश, धोनी 2003 की मेरी टीम में होते, लेकिन हम वर्ल्‍ड कप खेल रहे थे और वे रेलवे में टीसी थे'

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : March 23, 2020/1:34 pm IST

नई दिल्ली। आज से ठीक 17 साल पहले भारतीय टीम के साथ लाखों क्रिकेट प्रेमियों का सपना चकनाचूर हो गया था। इस दिन वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 125 रन से मात दी थी। देशवासी इस बुरी याद को हमेशा के लिए भूल जाना चाहते हैं, लेकिन जब जब वर्ल्ड कप का जिक्र आता है, ये पुराना जख्म फिर से हरा हो जाता है। उस वक्त के भारतीय कप्तान सौरव गांगुली को आज भी 2003 के वर्ल्ड कप फाइनल में मिली हार की कसक बाकी है।

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सौरव ने अपनी आत्‍मकथा ए सेंचुरी इज नॉट इनफ (‘A Century is Not Enough’) में लिखा था कि, ” ‘काश, धोनी वर्ल्‍ड कप 2003 की मेरी टीम में होते, लेकिन जब हम वो वर्ल्ड कप खेल रहे थे उस वक्त महेंद्र सिंह धोनी भारतीय रेलवे में टिकट कलेक्‍टर (टीसी) थे। आज मैं इस बात से खुश हूं कि धोनी को लेकर जो अनुमान मैंने लगाया था वह कितना सही निकला। धोनी ने आज अपने आपको एक बड़े खिलाड़ी के रूप में स्‍थापित किया है।” उसी धोनी ने साल 2011 में भारत को दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनाया था और 2003 के जख्मों पर मरहम लगाया था।

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भारत ट्रॉफी से महज एक कदम दूर था, लेकिन इस कंगारुओं ने दूरी को भारत की पहुंच से बाहर कर दिया, दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग का वो वांडरर्स मैदान जो क्रिकेट इतिहास के इस पल का गवाह बना था, उस दिन कंगारुओं ने रिकॉर्ड तीसरी बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था और अपनी बादशाहत बरकरार रखी थी।

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वर्ल्‍ड कप में कुल 14 टीमों शामिल हुईं थीं इन टीमों को 2 पूलों में बांटा गया था। पूल ‘ए’ में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, जिम्बाब्वे, पाकिस्तान, नीदरलैंड और नामीबिया की टीम थी, वहीं पूल ‘बी’ में न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, केन्या और बांग्लादेश की टीम शामिल थीं। पूल मैचों में कड़े मुकाबले के बाद दोनों पूल की टॉप 3 टीम ने ‘सुपर 6’ में जगह बनाई। इन टीमों में श्रीलंका, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, भारत, केन्या और जिंबाब्वे की टीमें शामिल थीं। सुपर 6 राउंड में हर टीम ने 3-3 मैच खेले, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया, भारत, केन्या और श्रीलंका ने सेमीफाइनल में जगह बनाई। फिर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच फाइनल मुकाबला खेला गया।

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टीम इंडिया के कप्तान सौरव गांगुली (Saurav Ganguly) ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ निर्धारित 50 ओवरों में 2 विकेट के नुकसान पर 359 रनों का बड़ा स्कोर बना डाला। इतने विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम 39.1 ओवरों में 234 रनों पर ही ऑल आउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया ने मैच जीतकर वर्ल्ड कप ट्रॉफी अपने नाम की। कप्तान रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) 140 रन की पारी के लिए ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया। भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को टूर्नामेंट में 673 रन बनाने के लिए ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का खिताब दिया गया था।