भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अगर आपका खाता है तो ये ख़बर आपको ध्यान से पढ़ने की जरूरत है। कारण ये है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले साल अप्रैल महीने से लेकर नवंबर महीने तक आपके बैंक खातों से जो रकम कमाई है, वो रकम इस बैंक की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान की नेट प्रॉफिट से भी ज्यादा है। खास बात ये है कि आपके बैंक खातों से ये कमाई ब्याज या निवेश के रूप में नहीं, बल्कि जुर्माने के रूप में की गई है और ये जुर्माना इसलिए किया गया क्योंकि इन खातों में न्यूनतम बैलेंस नहीं उपलब्ध था।
अब ये तो आप जानते ही हैं कि बैंक खाते खुलवाते समय कुछ खास श्रेणियों के खातों को छोड़कर सभी में एक न्यूनतम राशि रखनी होती है, लेकिन खाता खुलवाने के बाद ग्राहक इसका या तो ख्याल नहीं रख पाते या फिर उतनी रकम नहीं रख पाते तो इसी का नतीजा ग्राहकों के नुकसान और बैंक की कमाई के रूप में सामने आया है।
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तो ख़बर ये है कि अप्रैल 2017 से लेकर नवंबर 2017 तक की अवधि में एसबीआई ने मिनिमम बैलेंस अपने सेविंग अकाउंट में नहीं रखने वालों के बैंक खातों से काटे हैं 1771 करोड़ रुपये। इसी बैंक ने जुलाई-सितंबर तिमाही में अपनी आर्थिक गतिविधियों से नेट प्रॉफिट की थी 1581 करोड़ रुपये की। पिछले वित्त वर्ष यानी 2016-2017 में एसबीआई ने न्यूनतम राशि मेंटेन नहीं रखने वालों के खातों से जुर्माना वसूली नहीं की थी, लेकिन इस बार ग्राहकों पर कोई नरमदिली नहीं दिखाई गई है।
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महानगरों में एसबीआई के बैंक खाते में न्यूनतम राशि 5000 रुपये, शहरी क्षेत्रों में 3000 रुपये, उपनगरों-कस्बों में 2000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 1000 रुपये है। ये वो राशि होती है, जो हमेशा ग्राहकों के खाते में होनी चाहिए और जिस अवधि के दौरान ये राशि नहीं होती है, बैंक उस अवधि के दौरान चार्ज वसूल सकता है।
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वैसे बैंक की ओर से ग्राहकों को ये सुविधा या विकल्प भी दिया जाता है कि अगर वो चाहें तो अपने खाते ऐसे बैंक खातों में बदल सकते हैं, जहां न्यूनतम राशि की अनिवार्यता नहीं होती। इन बैंक खातों में सैलरी अकाउंट, जन धन खाता, स्मॉल सेविंग अकाउंट और बेसिस सेविंग डिपॉजिट स्कीम अकाउंट शामिल हैं। तो अगर आपके एसबीआई खाते से भी हो रही है कटौती तो जल्दी से जल्दी दो विकल्पों में से एक को चुनें, या तो न्यूनतम राशि अपने खाते में डिपॉजिट कराएं या फिर अपना खाता उन अकाउंट्स में ट्रांसफर कराएं, जहां मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता नहीं है।
वेब डेस्क, IBC24