रायपुर। नगरीय निकाय चुनाव में बराबरी का मुकाबला होने के बाद भी 10 में से किसी भी नगर निगम में महापौर नहीं बनने से भाजपा पदाधिकारियों, पार्षदों और कार्यकर्ताओं में हताशा है । कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन शुरू करने के लिए फंड की कमी की वजह से भी हतोत्साहित है।
ये भी पढ़ें:दिल्ली दंगल: बीजेपी ने 70 में से 57 उम्मीदवारों की जारी की सूची, 13 नामों पर …
भाजपा के मोर्चा प्रकोष्ठ के एक पदाधिकारी का कहना है कि पंचायत चुनाव के पहले भाजपा के ग्रामीण कार्यकर्ता सरकार की एक साल की खामी, किसानों और ग्रामीणों की अनदेखी को लेकर प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन शुरू करने की तैयारी में थे, लेकिन पार्टी के द्वारा फंड की व्यवस्था नहीं होने की वजह से उन्होंने फिलहाल अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया है।
ये भी पढ़ें: निर्भया केस: नया डेथ वारंट जारी, 1 फरवरी को सुबह 6 बजे होगी फांसी
उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री बड़े नेता सरकार के खिलाफ कोई बड़ा आंदोलन खड़ा करने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। वहीं पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का भी मानना है कि भाजपा को अब सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाना चाहिए लेकिन ना जाने क्यों भाजपा सुस्त पड़ी हुई है। हालांकि भाजपा के नेता इस संबन्ध में खुल कर बोलने से बच रहे हैं।
ये भी पढ़ें: दिल्ली का दंगल, केजरीवाल के खिलाफ निर्भया की मां को टिकट दे सकती है…
वहीं कांग्रेसी नेता इस पर चुटकी लेते हुए कहते हैं कि जिन नेताओं और मंत्रियों ने भाजपा के 15 साल के कार्यकाल में करोड़ों रुपए कमाए हैं वे अब शांत बैठ गए हैं। उनका ये भी कहना है कि भारतीय जनता पार्टी इन दिनों छत्तीसगढ़ में बुरे दौर से गुजर रही है।
ये भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव से पहले ‘आप’को बड़ा झटका, पूर्व कानून मंत्री की विधा…
Deputy CM Vijay Sharma की सुरक्षा में बड़ी चूक PG…
13 hours agoपहले चरण में इन सीटों पर फसा पेंच | भाजपा…
13 hours agoएक ऐसा परिवार जो सुअर बेचकर लड़ता हैं चुनाव, कैसे…
13 hours ago