सट्टे के कारण खेल के नतीजे प्रभावित होने की बात तो आपने सुनी होगी. लेकिन क्या आपको पता है कि स्टील उद्योग में भी सट्टे का कारोबार फलफूल रहा है और ये स्टील उद्योग को प्रभावित कर रहा है. यकीन नहीं आए तो देखिए ये रिपोर्ट.
क्या आपने कभी सोचा है. कि देश के कुल खनिज उत्पादन का 16 फीसदी जिस छत्तीसगढ़ राज्य का है वहां के स्टील उद्योगों की स्थिति इतनी खराब क्यों है..? जानकार इस हालत के लिए अलग-अलग कारण बताते है. लेकिन आज हम एक ऐसे कारण का खुलासा करने जा रहे हैं जिसे सुन कर आप भी चौंक जाएंगे. दरअसल स्टील उद्योग पूरी तरह से सट्टा बाजार की गिरफ्त में आ चुका है.
स्टील उद्योग पर सट्टा बाजार इतना हावी है कि रॉ मटेरिलय से लेकर फिनिंश माल तक की मतें अब सटोरिए ही तय करने लगे हैं. जिससे बाजार में भारी उथलपुथल का माहोल है. जानकारों की माने तो इनफॉर्मेशन प्रोवाइडर कंपनियों की ओर से बल्क एसएमएस के जरिए दिन में कई बार बाजार मूल्य का ट्रेंड बताया जाता है और उसी ट्रेंड के हिसाब से मार्केट में खरीद-बिक्री होती है. जो व्यापारियों के लिए घातक बनी हुई है. इतना ही नहीं उद्योग से जुड़े लोग बताते हैं कि चंद लोग निजी लाभ के लिए मार्केट को मैनुपुलेट भी करते हैं.
स्टील उद्योग में सट्टा बाजार के बढ़ते दखल और लगातार होते नुकसान के बाद पंजाब की गोविंदगढ़ मंडी के कारोबारियों की शिकायत पर पुलिस ने कुछ एजेसियों पर छापामार कार्रवाई की. जिससे ऐसी एजेंसी चलाने वालों में हड़कंप मचा हुआ है. जिसका असर छत्तीसगढ़ में भी देखा जा रहा है.
दरअसल राजधानी रायपुर से संचालित एजेंसी पिछले तीन-चार दिनों से बंद है.. जिससे व्यपारी ना केवल खुश हैं बल्कि ऐसी एजेंसी के दोबारा शुरू होने से रोकने के लिए रणनीति तैयार करने में जुटे हैं. वहीं मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
छत्तीसगढ़ में स्टील उद्योगों की बदहाल स्थिति के बीच सट्टे बाजार के बढ़ते दखल को पर्दाफाश करने वाली इस रिपोर्ट के बाद अब देखना है कि इस गोरखधंधे पर लगाम लगाने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है.
Aaj Ka Current Affairs 25 April : यहां पढ़े आज…
2 hours ago