1000 किलोमीटर दूर निशाने को भेदा, स्वदेशी सब सोनिक क्रूज मिसाइल निर्भय का सफल परीक्षण | Successful test of indigenous all Sonic cruise missile Nirbhaya pierced to 1000 km away target

1000 किलोमीटर दूर निशाने को भेदा, स्वदेशी सब सोनिक क्रूज मिसाइल निर्भय का सफल परीक्षण

1000 किलोमीटर दूर निशाने को भेदा, स्वदेशी सब सोनिक क्रूज मिसाइल निर्भय का सफल परीक्षण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : April 15, 2019/9:53 am IST

नई दिल्‍ली । भारत ने सोमवार को 1000 किलोमीटर तक मार करने वाली स्वदेशी सब सोनिक क्रूज मिसाइल निर्भय का सफल परीक्षण किया है। मिसाइल परीक्षण ओडिशा के तटीय इलाके में किया गया। जल्द ही इसे सेना में शामिल कर लिया जाएगा। इस मिसाइल को डीआरडीओ यानि रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान ने विकसित किया है।

ये भी पढ़ें- योगी आदित्यनाथ ने आजम खान के बयान पर अखिलेश यादव को लताड़ा, मायावती से मांगा जवाब

यह मिसाइल क्षमता में अमेरिका के प्रसिद्ध टॉमहॉक मिसाइल के बराबर है। निर्भय मिसाइल 300 किलोग्राम तक के परमाणु वारहेड को अपने साथ ले जा सकती है। इस मिसाइल का निशाना अचूक है। चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरे को देखकर भारत ने एक लंबी दूरी की सब सोनिक क्रूज मिसाइल को लेकर विचार शुरु किया था। हालांकि हमें मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) की वजह इस रेंज से ज्यादा की मिसाइल को विकसित करने के लिए कोई दुनिया के विकसित देशों से कोई सहयोग नहीं मिलने वाला था। जिसके बाद डीआरडीओ ने इस मिसाइल को खुद विकसित करने का फैसला किया।

ये भी पढ़ें- उमा ने दिग्विजय को कहा-15 साल पुराने पिटे मोहरे, गरमाई सियासत, भोपाल से चुनाव

वैज्ञानिकों के मुताबिक 1000 किलोमीटर तक यह मिसाइल सटीकता से मार करने में पूरी तरह सक्षम है। इस मिसाइल से भारत की सैन्‍य ताकत को मजबूती मिलेगी। पाकिस्‍तान, चीन समेत कई देश इस मिसाइल की पहुंच में है। यह मिसाइल कुछ सेकेंड में ही दुश्‍मन देशों के किसी भी इलाके को नेस्‍तानाबूद कर सकती है।

ये भी पढ़ें- तिरुवनंतपुरम मंदिर में पूजा-अर्चना के दौरान घायल हुए शशि थरूर, सर पर लगे 6 टांके

वैज्ञ‍ानिक इस मिसाइल का पहले भी कई बार परीक्षण कर चुके हैं। निर्भय का पहला परीक्षण 12 मार्च 2013 को किया गया था और उस समय मिसाइल में खराबी आने के कारण उसने बीच रास्ते में ही काम करना बंद कर दिया था। दूसरा परीक्षण 17 अक्तूबर 2014 को किया गया जो सफल रहा था। 16 अक्तूबर 2015 को किए गए अगले परीक्षण में मिसाइल 128 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद अपने रास्ते से भटक गई थी।

ये भी पढ़ें- आजम खान के खाकी अंडरवियर बयान पर गहराई राजनीति, राष्ट्रीय महिला आयो…

इसके बाद 21 दिसंबर 2016 को परीक्षण किया गया उस समय भी यह निर्धारित रास्ते से भटक गई थी। इसके अलावा नवंबर 2017 में इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था। वैज्ञानिकों ने इस परीक्षण को सफल बताया था। यह सभी परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में डीआरडीओ के परीक्षण रेंज से किए गए थे।