सुप्रीम कोर्ट ने माँगा रमन सरकार से अगस्ता वेस्टलैंड की खरीद से संबंधित दस्तावेज | Supreme court documents related to purchase of AgustaWestland from Maunga Raman government

सुप्रीम कोर्ट ने माँगा रमन सरकार से अगस्ता वेस्टलैंड की खरीद से संबंधित दस्तावेज

सुप्रीम कोर्ट ने माँगा रमन सरकार से अगस्ता वेस्टलैंड की खरीद से संबंधित दस्तावेज

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : November 16, 2017/9:57 am IST

सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से 2006 के अगस्ता वेस्टलैंड वीआईपी हेलिकॉप्टर की खरीद से संबंधित सभी दस्तावेज कोर्ट में पेश करने को कहा है.सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से पूछा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के प्रधान सचिव की उस राय को महत्त्व क्यों नहीं दिया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि दूसरी कंपनियों के हेलिकॉप्टर पर भी विचार करें। सुप्रीम कोर्ट ने 23 नवंबर तक दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के आदेश पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास अनुशंसा भेजी गई कि अगस्ता वेस्टलैंड के हेलिकॉप्टर खरीदे जाएं।

उन्होंने कहा किहेलीकॉप्टर  डील में जो कमीशन मिला उससे मुख्यमंत्री के बेटे अभिषेक सिंह का बैंक खाता वर्जिन आइलैंड में खोला गया। इसका जिक्र पनामा पेपर्स में भी है। खाता खोलते समय अभिषेक सिंह का पता वही है जो मुख्यमंत्री रमन सिंह के चुनाव हलफनामा में है.

अटॉर्नी जनरल ने क्या कहा

केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि याचिकाकर्ता ने आईटी एक्ट का उल्लंघन कर दस्तावेज प्रस्तुत किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट रुल्स 2013 का जिक्र किया जिसके मुताबिक कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजों के स्रोत के बारे में जानकारी देनी होगी।बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि याचिका अनुमानों पर आधारित है, इसमें कोई तथ्य नहीं है.

 

पहले सरकार ने क्या कहा था-

इसके पहले की सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा था कि ये राजनीति से प्रेरित याचिका है और इस याचिका के जरिये राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की जा सकती है। सरकार ने कहा था कि पीएसी और सीएजी की रिपोर्ट संसद और विधानसभाओं में पेश किया जाता है। 

 अभिषेक सिंह का नाम 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जब संसद हमारे काम पर चर्चा नहीं करती है तो सवाल है कि क्या हम उनके काम पर चर्चा कर सकते हैं। यह एक संवैधानिक सवाल है इसलिए इसे बड़ी बेंच को सुनवाई के लिए रेफर किया जाना चाहिए। तब याचिकाकर्ता ने कहा कि ये राजनीतिक भ्रष्टाचार का मसला है इसलिए इसकी सुनवाई कोर्ट में होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि पनामा पेपर्स भी बताते हैं कि हेलिकॉप्टर खरीदी काम सीधा संबंध छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बेटे से जुड़ा हुआ है। उनके विदेशों में भी खाते हैं जिनमें काफी रकम बटोरी गई है.प्रशांत भूषण ने कहा था कि अटार्नी जनरल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का बचाव कर रहे हैं क्योंकि उन्हें उसी पार्टी के राजनीतिक नेतृत्व द्वारा नियुक्त किया गया है जिस पार्टी के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हैं। अटार्नी जनरल महत्वहीन मुद्दे उठाकर मामले को टालना चाहते हैं ताकि जांच न हो सके.

 

क्या है मामला- 

आपको बता दें कि स्वराज अभियान ने याचिका दायर कर इन गड़बड़ियों की जांच कराने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की प्रतिकूल रिपोर्ट मिली है, जबकि मीडिया रिपोर्टों से राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ में इस संदर्भ में हुई कथित गड़बड़ियों के संकेत हैं.

 

 
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