असतो मा सदगमय!
तमसो मा ज्योतिर्गमय!
मृत्योर्मामृतं गमय!
आज संस्कृति की ये प्रार्थना देश भर में सवालों के घेरे पर है। वजह है सुप्रीम कोर्ट में विनायक शाह ने याचिका लगाई है कि केंद्रीय विधालय में कराई जा रही। प्रार्थना एक विशेष धर्म का प्रतिनिधित्व करती है।
Supreme Court issued notice to the Central government after hearing a PIL which alleged that school prayers in Kendriya Vidyalayas propagate Hinduism and they should not be allowed as they are run by Government.
— ANI (@ANI) January 10, 2018
जिसे लेकर केंद्रीय विद्यालयों में होने वाली प्रार्थनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। याचिकार्ता ने कोर्ट में दलील दी है कि केंद्रीय विद्यालयों में होने वाली प्रार्थना एक खास धर्म (हिंदुत्व) को बढ़ावा देती है। इसी याचिका पर सुनवाई के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने देश के 1,125 केंद्रीय विद्यालय से 4 हफ्तों में जवाब माँगा है।
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक चूंकि केंद्रीय विद्यालय केन्द्र सरकार के अधीन आते हैं इसलिए एक खास धर्म को बढ़ावा देना ठीक नहीं है।वहीं अगर बात की जाए केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ने वाले कुल विद्यार्थियों की तो यह संख्या तकरीबन 11 लाख है। अब देखना है कि इस मामले में सरकार की तरफ से क्या जवाब आता है।
IBC24 WEB TEAM