नई दिल्ली। दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के अधिकारों के मामले में सुप्रीम कोर्ट आज अपना अहम फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि सेवाओं, अफसरों के ट्रांसफर- पोस्टिंग और एंटी करप्शन ब्यूरो, जांच कमीशन के गठन पर किसका अधिकार होगा? एक नवंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बताया था कि उप राज्यपाल के पास दिल्ली में सेवाओं को विनियमित करने की शक्ति है। राष्ट्रपति ने अपनी शक्तियों को दिल्ली के प्रशासक को सौंप दिया है। साथ ही सेवाओं को उसके माध्यम से प्रशासित किया जा सकता है। केंद्र ने यह भी कहा कि जब तक भारत के राष्ट्रपति स्पष्ट रूप से निर्देश नहीं देते तब तक एलजी, जो दिल्ली के प्रशासक हैं, मुख्यमंत्री या मंत्रिपरिषद से परामर्श नहीं कर सकते।
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4 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने दिल्ली सरकार बनाम एलजी अधिकार विवाद में सिर्फ संवैधानिक प्रावधानों की व्याख्या की थी। कोर्ट ने कहा था कि कानून व्यवस्था, पुलिस और जमीन को छोड़ कर बाकी मामलों में उप राज्यपाल स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर सकते। कोर्ट ने विवाद की वजह बने मामलों पर अलग से कोई फैसला नहीं दिया था। कोर्ट ने ऐसे मामलों पर 2 जजों की बेंच गठित कर नियमित सुनवाई का फैसला किया था, आज इसी पर फैसला आएगा।
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