फेसबुक पर बस्तर के आदिवासियों की पुलिस प्रताड़ना का मामला उठाने की वजह से निलंबित डिप्टी जेलर वर्षा डोंगरे ने जेल प्रशासन के आरोप पत्र का पांच सौ पेज में जवाब दिया है. वर्षा ने अपने जवाब के साथ हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट, राष्ट्रीय मानवाधिकार की टिप्पणियों और फैसलों का हवाला दिया है.
लेकिन जेल मुख्यालय के अधिकारियों ने जवाब को भेजने के तरीके पर सवाल उठाया है. जेल प्रशासन के मुताबिक वर्षा डोंगरे छुट्टी वाले दिन मुख्यालय में आकर अपना जवाब देकर चली गईं. जबकि नियमों के मुताबिक उन्हें अपनी पदस्थापना स्थल अंबिकापुर जेल से डिस्पेच करना चाहिए. इस खामी की वजह से उनका जवाब स्वीकार नहीं किया गया है.
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