नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में फैसला सुना दिया है। जिसके बाद अब मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने के लिए संतों में अध्यक्ष पद को लेकर घमासान मचा हुआ है। इस बीच महंत परमहंस दास ने इस मामले में अभद्र टिप्पणी कर गए। उनका एक ऑडियो वायरल हुआ है। जिसके बाद से परमहंस दास को तपस्वी छावनी से निष्कासित कर दिया।
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इस मामले में महंत और परमहंस दास के गुरु महंत सर्वेश्वर दास ने कहा है कि पूज्य संत महंतों पर अशोभनीय टिप्पणी करना संतों का आचरण नहीं है। उनके द्वारा ऐसा बयान सामने आने के बाद तपस्वी छावनी से निष्कासित किया गया।
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दरअसल वायरल हो रहे एक ऑडियो वायरल में बातचीत में रामजन्मभूमि न्यास (ट्रस्ट) के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास को लेकर अपमानजनक भाषा का भी इस्तेमाल किया गया है। जिसको लेकर बवाल मचा था। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद महंत नृत्यगोपालदास ने कहा था कि मंदिर निर्माण के लिए पहले से ही ट्रस्ट बना हुआ है।
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इसे ही सरकारी ट्रस्ट का रूप दे दिया जाए। जिसके बाद से ही ट्रस्ट के अध्यक्ष पद के लिए संत और उनके अुनयायी लगातार दावा ठोक रहे हैं। इस बीच खबर यह भी है कि संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्रस्ट में शामिल करने की सहमति में नहीं है।
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