भिलाई। छत्तीसगढ़ के इंजीनियरिंग कॉलजो में कम होते एडमिशन और बंद हो रहे इंजीनियरिंग कॉलेजों को देखकर स्वामी विवेकानन्द तकनीकी विश्वविद्यालय की कार्य परिषद ने इस वर्ष इंजीनियरिंग और डिप्लोमा के सिलेबस कोथ्योरिकल बेस से हटाकर प्रेक्टिकल बेस पर तैयार करने का निर्णय लिया है। स्वामी विवेकानन्द तकनीकी यूनिवर्सिटी भिलाई में अब स्टूडेंट्स को रोजगार उपलब्ध कराने वाले विषयो कप जोड़ा जा रहा है, जिससे कॉलेजों से पास आउट होने के बाद स्टूडेंट्स बेरोजगार न रहे।
छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में कार्यपरिषद के सदस्यों ने इंजीनियरिंग के कॉलेजों के पाठ्यक्रम और डिप्लोमा कॉलेजों के पाठ्क्रम में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। आपको बता दे कि पिछले दिनों 10 निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों को बन्द करने के प्रस्ताव को भी कार्यपरिषद में मंजूरी दी थी। अब प्रदेश में तकनीकी कॉलेजों की संख्या 99 होगी। यह संख्या पहले 109 थी।
स्वामी विवेकानंद तकनीकी विवि प्रदेश का इकलौता विवि है। इस विवि से ही सबद्ध होकर प्रदेश भर में इंजिनयरिंग की शिक्षा छात्र ले रहे है। वर्ष 2009 व 2010 में प्रदेश में सबसे अधिक कॉलेज खुले थे। लेकिन समय के साथ साथ अब इंजीनियरिंग के प्रति बच्चों का रुझान कम होता जा रहा है। इसके लिए नए प्रयास विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे है। विवि प्रबंधन ने अब बीई और डिप्लोमा के पाठ्यक्रमों में बदलाव करने का निर्णय लिया है।
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बदला हुआ पाठ्यक्रम साल 2020 से लागू किया जाएगा। यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डीएस सिरशान्त का कहना है किअब बीई के स्टूडेंट्स को रोजगारोन्मुखी शिक्षा दी जाएगी, जिससे छात्र कैम्पस के निकलकर बेरोजगार न रहे। उन्हें आन्त्रप्योंनेरशिप, इंटर्नशिप , और अन्य सब्जेक्ट का नॉलेज दिया जाएगा, कार्यपरिषद और विशेषज्ञ की टीम ने इसके लिए काम शुरू कर दिया है।
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