नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के बयान पर द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे हिन्दुओं से साथ धोखा बताते हुए आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर को चुनावी मुद्दा बनाकर पहले सत्ता हासिल की और अब अदालत के निर्णय की बात कर रहे हैं।
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संसद में अध्यादेश लाने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इनकार करने पर उन्होंने कहा कि चुनावी मेनीफेस्टो में सत्तारूढ़ होते ही मंदिर निर्माण की बात क्यों कही गई थी। उन्होंने ये भी कहा कि कोई भी सरकार या राजनीतिक पार्टी मंदिर,मस्जिद नहीं बना सकती, क्योंकि उसे बनाने की हैसियत में तब आएगी जब वह सत्तारूढ़ होगी और सत्तारूढ़ होते ही उसे भारतीय संविधान की शपथ लेनी होती है। साथ ही ये भी कहा कि भारतीय संविधान के तहत राष्ट्रीय धर्मनिरपेक्ष होगा अतः कोई भी पार्टी मंदिर मस्जिद या गुरुद्वारा जैसी धार्मिक स्थल नही बना सकती वह सिर्फ पुतले बना सकती है।