सबरीमाला मंदिर पर स्वरूपानंद सरस्वती का बयान,धर्म के मामले में अदालत को फैसला करने का अधिकार नहीं | Swaroopanand Saraswati statement on Sabarimala temple, matter of religion, the court has no right to decide

सबरीमाला मंदिर पर स्वरूपानंद सरस्वती का बयान,धर्म के मामले में अदालत को फैसला करने का अधिकार नहीं

सबरीमाला मंदिर पर स्वरूपानंद सरस्वती का बयान,धर्म के मामले में अदालत को फैसला करने का अधिकार नहीं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : January 6, 2019/6:22 am IST

नरसिंहपुर। सबरीमाला में दो युवतियों के चोरी छिपे प्रवेश के बाद उठे विवाद पर द्वारिकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस देव स्थान में महिलाओं के प्रवेश पर शास्त्रों के अनुसार प्रतिबंधित हैं। वहां महिलाओं को प्रवेश अनुचित है और धर्म के मामले में अदालत को फैसला करने का कोई अधिकार नहीं है।
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शंकराचार्य ने महिलाओं के सबरीमाला में प्रवेश को गलत बताते हुए तर्क दिया कि कई महिलाएं मासिकधर्म से होती है और उस समय वह सूतक से होती है ऐसे में मंदिर के अंदर प्रवेश करने से वहां की पवित्रता नष्ट होती है अतः सबरीमाला में महिलाओं पर प्रतिबंध धर्मसंगत हैं।

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