दलहन के रकबे में 28, तिलहन के रकबे में 33 फीसदी की बढ़ोत्तरी का लक्ष्य, किसानों को मक्का और गन्ने की खेती के लिए मिलेगा प्रोत्साहन | Target of 28% increase in area under pulses, 33% increase in area under oilseeds, farmers will get incentives for cultivation of maize and sugarcane

दलहन के रकबे में 28, तिलहन के रकबे में 33 फीसदी की बढ़ोत्तरी का लक्ष्य, किसानों को मक्का और गन्ने की खेती के लिए मिलेगा प्रोत्साहन

दलहन के रकबे में 28, तिलहन के रकबे में 33 फीसदी की बढ़ोत्तरी का लक्ष्य, किसानों को मक्का और गन्ने की खेती के लिए मिलेगा प्रोत्साहन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : April 30, 2020/9:39 am IST

रायपुर। आगामी खरीफ सीजन को लेकर कृषि विभाग द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गई है। राज्य में दलहन, तिलहन , मक्का और गन्ना के उत्पादन को बढ़ाने के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने का विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा आगामी खरीफ सीजन में दलहन के रकबे में 28 फीसद तथा तिलहन के रकबे में 33 फीसद की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गत दिवस मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में दी गई। बैठक में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, मुख्य सचिव आर.पी. मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त मती मनिंदर कौर द्विवेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि विभाग द्वारा आगामी खरीफ सीजन को लेकर की जा रही तैयारियों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि किसानों को लाभकारी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से खरीफ क्षेत्राच्छादन के लिए जिलेवार निर्धारित लक्ष्य की जानकारी ली। खरीफ के विभिन्न फसलों के बीज एवं रायसानिक उर्वरकों की सोसायटियों में पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ सीजन में खाद-बीज की कमी न होने पाए इस पर निरंतर निगरानी रखे जाने की जरूरत है।
बैठक में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि राज्य में इस साल खरीफ सीजन में धान के रकबे को 5 फीसद कम करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके स्थान पर किसानों को ज्यादा लाभकारी फसले विषेषकर दलहन और तिलहन खेती के लिए आवष्यक मार्गदर्शन एवं मदद दी जाएगी। उन्होंने बताया कि आगामी खरीफ सीजन में 37 लाख हेक्टेयर धान की बुआई का लक्ष्य है, जो बीते वर्ष की तुलना में एक लाख 76 हजार हेक्टेयर कम है।

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इसी तरह मक्का के रकबे को 2 लाख 5 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 2 लाख 38 हजार हेक्टेयर तथा अन्य अनाज की फसलों के रकबे को 76 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 90 हजार हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है। अरहर के रकबे में 34 हजार हेक्टेयर, उड़द के रकबे में 25 हजार हेक्टेयर, अन्य दलहनी के रकबे में 21 हजार हेक्टेयर की वृद्धि का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि तिलहनी फसलों के रकबे में 25 हजार हेक्टेयर की वृद्धि किया जाना प्रस्तावित है।

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कृषि उत्पादन आयुक्त मती मनिंदर कौर द्विवेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत राज्य के 4 लाख 55 हजार 795 किसानों को 634 करोड़ 13 लाख 13 हजार रूपए का दावा भुगतान किया गया है। उन्होंने बताया कि इस साल रबी सीजन में मौसम की खराबी, आधी-तूफान एवं ओलावृष्टि की वजह से रबी फसलों को नुकसान पहुंचा है। रबी फसलों के बीमा के एवज में किसानों को लगभग 350 करोड़ रूपए का दावा भुगतान होना संभावित है। आरबीसी 6-4 के तहत प्रभावित कृषकों को अतिरिक्त राषि मिलेगी।

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उन्होंने यह भी बताया कि रबी फसलों के दावा भुगतान की शुरूआत भी राज्य में की जा चुकी है। अब तक मुंगेली, कबीरधाम, बलरामपुर जिले के 2666 किसानों को 2.59 करोड़ रूपए का दावा भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत राज्य के किसानों को अब तक 1408 करोड़ रूपए की राशि उनके खातों में जमा हो चुकी है। इस योजना के तहत राज्य में 27 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है। राज्य के 22.47 लाख कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया गया है। उन्होंने बैठक में कृषि, मछली पालन, पषुपालन, उद्यानिकी के लिए बैंकों में भेजे गए प्रकरण एवं स्वीकृत ऋण राषि के बारे में भी जानकारी दी।

 
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