छत्तीसगढ़ का " गोदना " बन गया टैटू | tattoo vs godna

छत्तीसगढ़ का ” गोदना ” बन गया टैटू

छत्तीसगढ़ का " गोदना " बन गया टैटू

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : October 18, 2017/6:08 am IST

 

आज कल टैटू का फैशन सर चढ़ कर  बोल रहा है बड़े -बड़े सेलिब्रिटी से लेकर आम लोग भी टैटू के शौकीन है कोई इसे अपने शौक के लिए इस्तमाल कर रहा है तो कोई अपनी फिलिंग शो करने के लिए लेकिन क्या आप जानते है इस टैटू की शुरुवात हुई कहा से है चलिए हम बताते है वैसे तो टैटू को साउथ कोरिया की प्रजातियां की देन माना जाता है लेकिन पूरे भारत में इसे प्रचारित करने का काम किया है साऊथ इंडिया ,नॉर्दन इंडिया और छत्तीसगढ़ का ट्राइबल इलाका   जहां कभी चेहरे पर टैटू गुदवाना दुश्मन का सिर काटकर लाने वाले योद्धाओं का प्रतीक हुआ करता था. टैटू गुदवाना सदियों से एक जनजातीय परंपरा रही है,टैटू पहले  जनजातीय परंपरा का हिस्सा था जो जीवन में आपकी उपलब्धियों को दर्शाने के लिए होता था. योद्धा यदि दुश्मन का सिर काटकर लाते थे तो उनके चेहरे पर गोदना गोदकर उन्हें पुरस्कृत किया जाता था.  किसी अन्य को चेहरे पर टैटू बनवाने की अनुमति नहीं थी. शरीर के अन्य हिस्सों पर टैटू पुरूषों के लिए बचपन से बड़े होने तक की यात्रा तथा महिलाओं के लिए शादी, मां बनने जैसे जीवन चक्र को दर्शाने का जरिया होता था.उस वक्त 

टैटू सिर काटकर लाने और जनजातीय संस्कृति से इतनी गहराई से जुड़ा था कि सिर काटकर लाने की प्रथा खत्म होने और गांवों में ईसाइयत फैलने के साथ कला भी लुप्त हो गयी ।  जनजातीय समुदाय में अब  पारंपरिक टैटू कलाकार नहीं बचे हैं और उनकी जगह ले लिया है टैटू कलाकारों ने टैटू गुदवाने का शौक आजकल के युवाओं में बहुत ज्यादा हो गया है , हालांकि टैटू गुदवाने में दर्द होता है लेकिन खुशी भी मिलती है. युवाओं में आजकल टैटू एक प्रकार का फैशन आइकन बन गया है 

  टैटू के प्रकार और डिजाईन्स के साथ साथ क्या सावधानी रखनी चाहिए इस पर  की जानकारी दे रहे है सिटी सेंटर रायपुर स्थित प्रिंस टैटू के संचालक 

खूबसूरत रंग-बिरंगी टैटू की डिजाइनें जब शरीर के अलग-अलग हिस्सों में उकेरी जाती हैं तो इन अंगों की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है. वह चाहे कमर पर हो या पीठ पर टैटू अपनी तरफ लोगों को आकर्षित करता है. इतना ही नहीं आजकल तो कूल्हे, पेट और एड़ी जैसे अंगों पर भी टैटू गुदवाने का चलन है. कुछ लोग तो अस्‍थायी टैटू लगवाते हैं और कुछ स्‍थायी।इनको एमैच्‍योर टैटू भी कहा जाता है. ये शुरूआती टैटूज हैं जो अपने नेचर में क्रूड होते हैं क्‍योंकि ये ऐसे व्‍यक्ति द्वारा बनाये जाते हैं जो इसमें परिपक्‍व नहीं होता है। ये टैटूज एस्थेटिक नेचर के नहीं होते और अस्वच्छ दशाओं में डाईंग के लिये इस्तेमाल होने वाले असामान्य तत्वों द्वारा बनाये जाते हैं। इनसे इंफेक्शन का खतरा काफी अधिक होता है क्योंकि इन्हें बनाने वाले प्रोफेशनल नहीं होते.

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धार्मिक टैटूज

कुछ लोग अपने धर्म की भावना को टैटू के माध्‍यम से दिखाते हैं. कुछ एथनिक ग्रुप्स के टैटूज का छुपा हुआ अर्थ होता है । इनको बनाने की पारंपरिक विधियां काम में लाई जाती हैं। इस प्रकार के टैटूओं में देवताओं के चित्र उकेरे जाते हैं। कुछ लोग तो देवताओं के सिंबल का टैटू अपने शरीर पर बनवाते हैं.

व्‍यावसायिक टैटू

ये टैटूज ऐसे लोगों द्वारा बनाये जाते हैं जिनको बनाने वाले व्‍यावसायिक रूप से पारंगत होते हैं, उनका पेशा ही टैटू बनाना होता है। इसके लिए कुछ लोग तो बाकायदा शिक्षा ग्रहण करते हैं। ऐसे लोगों द्वारा बनाये गये टैटू से संक्रमण का खतरा कम होता है.

 

कॉस्मेटिक टैटू

टैटूज को मेकअप के रूप में बालों की इमिटेटिंग फीचर्स को उभारने में जैसे कि लिप्स या आंखें और यहां तक कि मोल्स के लिये भी किया जाता है। त्वचा की असमानता को इसके जरिये छिपाया जाता है।

 

मेडिकल टैटू

ऐसा टैटू बनवाने वाले किसी इमर्जेन्सी के समय किसी खास मेडिकल कंडीशन या ब्लड ग्रुप की किस्म के संकेत के लिये इसे बनवाते हैं। ब्रेस्ट रिकांस्ट्रक्शन के कुछ रूपों में टैटू का उपयोग एरोला बनाने के लिये किया जा सकता है।

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ट्रॉमाटिक टैटू

ये टैटूज जानबूझकर नहीं बनवाये जाते बल्कि किसी एक्सीडेंट के दौरान शरीर में कोई बाहरी चीज धंस जाने या गहरी चोट के घाव को सुखाने के लिए बनवाये जाते हैं। उदाहरण के लिये पेंसिल अनायास चुभने पर त्वचा लेयर के नीचे ग्रेफाईट रह सकती है जो काले बिंदु के रूप में दिखती है। एक्‍सीडेंट के बाद कुछ घाव भर जाते हैं लेकिन वे अपने धब्‍बे छोड़ जाते हैं, उनको इन टैटूओं के माध्‍यम से छुपाया जाता है।

 

स्‍टीकर टैटू

ये टैटू बच्‍चों को बहुत भाते हैं, बच्‍चों के मनचाहे डिजाइन वाले टैटू बाजार में उपलब्ध हैं। इसे बनाने के लिए केवल मनचाहे डिजाइन वाले तथा कपडों से मैच करते स्‍टीकर शरीर के जिस हिस्से पर टैटू बनाना है वहां चिपका देते हैं, उसके ऊपरी हिस्से पर थोडा सा पानी लगाकर फिर हटा देते हैं।

 

मेहंदी टैटू

मेहंदी से भी शरीर पर टैटू बनाया जाता है। टैटू बनाने के लिए शरीर के मनचाहे हिस्से पर डिजाइन बनाकर मेंहदी से टैटू बनाते हैं। इसका रंग संतरी रंग का आता है। यह टैटू बनाने के पारंपरिक तरीकों में से एक है।

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टैटू गुदवाने के बाद यदि कुछ बातों का ध्‍यान न रखा जाये तो संक्रमण फैल सकता है। टैटू के रंगों के इंफेक्‍शन से कैंसर, एचआईवी, हेपेटाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी भी हो सकती है। इसलिए यदि टैटू गुदवाने के बाद किसी प्रकार का त्‍वचा का संक्रमण हो तो चिकित्‍सक से तुरंत संपर्क कीजिए।उनकी सलाह के बाद ही टैटू गुदवाए।