नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सरकारी आवास खाली करने के पटना हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली बिहार विधानसभा में विपक्ष के मौजूदा नेता तेजस्वी यादव की याचिका को खारिज कर दिया और उन्हें विपक्ष के नेता के लिए बने आवास में जाकर रहने का आदेश दिया । मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की 3 सदस्यीय पीठ ने सरकार के फैसले को चुनौती देने और कोर्ट का समय खराब करने के लिए राष्ट्रीय जनता दल नेता पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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इस बंगला विवाद की शुरुआत 2017 में तब हुई जब सत्ता से बेदखल होने के बाद नीतीश सरकार ने तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री के तौर पर आवंटित बंगला 5, देशरत्न मार्ग खाली करने को कहा और उसकी जगह उन्हें बतौर नेता प्रतिपक्ष 1, पोलो रोड बंगला आवंटित कर दिया. वहीं राज्य सरकार ने उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी जो उस वक्त 1, पोलो रोड बंगले में रहते थे, को बतौर उपमुख्यमंत्री 5, देशरत्न मार्ग बंगला आवंटित कर दिया, लेकिन इसके डेढ़ साल से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद भी तेजस्वी यादव ने अपना बंगला अब तक खाली नहीं किया है।
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वहीं, तेजस्वी यादव अपना बंगला बचाने के लिए पटना हाई कोर्ट चले गए जहां डेढ़ साल तक लंबी लड़ाई के बाद भी उन्हें कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली और उनकी बंगला ना खाली करने की याचिका खारिज हो गई। कोर्ट में तेजस्वी की ओर से यह दलील दी गई कि उनके आवंटित बंगले में सुशील कुमार मोदी रह रहे थे इसीलिए वह उसमें कैसे रहने जाएं? उनकी इस दलील के बाद दबाव बनाने के लिए सुशील कुमार मोदी ने 1, पोलो रोड बंगला खाली कर कर दिया था ।
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