जगदलपुर। बस्तर जिले के कलेक्टर डॉक्टर अयाज तंबोली ने जिले के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित इलाकों में से एक ककनार पंचायत से चुनाव के बाद पहले जन समस्या निवारण शिविर की शुरुआत की। यह संवेदनशील इलाका लंबे समय से प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार रहा है। प्रशासन प्रमुख के पहुंचने से लोगों ने भी यहां राहत की सांस ली। शिविर में सबसे ज्यादा लोगों ने रोड कनेक्टिविटी की मांग की है। यह इलाका ऐसा है जहां लोग 60 किलोमीटर दूर खाद लेने जाते हैं। कले्क्टर ने खाद भी गांव में उपलब्ध कराने की बात कही है।
आसपास की 8 पंचायतों में आवागमन के लिए रास्ते उपलब्ध नहीं है। ककनार का इलाका चित्रकूट जलप्रपात से लगा हुआ इलाका है और इससे लोग कोंडागांव और मारडूम तक आना-जाना करते हैं पर इन पंचायतों में बुनियादी विकास का अभाव है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि उन्हें पर्याप्त रोड मिल जाए तो आसपास की 8 पंचायतें जुड़ सकती हैं और लोगों को फायदा होगा। शिविर में इसके बाद सर्वाधिक निर्माण की भी मांग रखी गई।
यह भी पढ़ें : US के विदेश मंत्री भारत दौरे को लेकर उत्साहित, कहा- ‘मोदी है तो मुमकिन है’
बस्तर जिले के लोहंडीगुडा जनपद पंचायत के ककनार में जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर में सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों ने कलेक्टर अय्याज तंबोली की अगुवाई में समस्याएं सुनी व ग्रामीणों की मांगों पर विचार करते हुए उनका निराकरण किया। लोकसभा चुनाव के बाद जिले में यह पहला जन समस्या निवारण शिविर आयोजित किया गया था। शिविर में सबसे अधिक 106 निर्माण संबंधी मांगें, जनपद पंचायत विभाग व राजस्व विभाग से 52 मांगें, पट्टे से सम्बंधित कुल 295 मांग व 4 अन्य समस्या के आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 42 का निराकरण शिविर में ही कर दिया गया। ककनार व उसके इर्द गिर्द 8 पंचायतों के ग्रामीणों ने रोड ना होने की बात भी शिविर में कही जिस पर कलेक्टर ने जल्द रोड निर्माण कार्य पूरा करने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया हैं।