बीजिंग। अमेरिका की संसद में तिब्बत को लेकर एक बिल पारित हुआ है, जिससे चीन भड़क गया है। अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में पारित हुए बिल में चीन के उन अधिकारियों के वीजा पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित हुआ जो अमेरिकी नागरिकों, अधिकारियों और पत्रकारों को तिब्बत जाने की अनुमति नहीं देते। इस बिल पर संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा ने सितंबर में ही मुहर लगा दी थी। बिल पर अभी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर होना बाकी हैं। उनके हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा।
चीन ने अमेरिका के इस बिल अपना कड़ा एतराज जताया है। अमेरिकी कदम पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग के अनुसार, तिब्बत का मामला चीन का आंतरिक मसला है और इसमें किसी विदेशी को दखल की इजाजत नहीं है और चीन इसका विरोध करता है। ट्रंप प्रशासन और चीन के बीच कारोबारी तनातनी के बीच संसद की सर्वसम्मति से पारित किए गए ‘द रेसिप्रोकल एक्सेस टू तिब्बत एक्ट’ बिल में अमेरिकी नागरिकों, पत्रकारों और अधिकारियों के तिब्बत में बिना किसी रोक-टोक के आवागमन की मांग की गई है।
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चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार सामान्य तरीके से आवेदन कर विदेशी तिब्बत जा सकते हैं। साल 2015 से लेकर अब तक अमेरिकी सांसदों और कारोबारियों समेत करीब 40 हजार अमेरिकी नागरिकों ने तिब्बत का दौरा किया है।
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