बीजेपी ने मांगा सांसदों से रिपोर्ट कार्ड, लोकसभा की टिकट के लिए तय किए मापदंड | The BJP has asked the MPs to submit the report card, the criteria set for the Lok Sabha ticket.

बीजेपी ने मांगा सांसदों से रिपोर्ट कार्ड, लोकसभा की टिकट के लिए तय किए मापदंड

बीजेपी ने मांगा सांसदों से रिपोर्ट कार्ड, लोकसभा की टिकट के लिए तय किए मापदंड

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : March 10, 2019/1:13 pm IST

नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले बीजेपी ने अपने सांसदों से पांच साल के कामों का हिसाब मांगा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सांसदों टिकिट देने से पहले सांसदों से पूछा है की पांच साल केंद्र सरकार की योजनाओं का कितना लाभ क्षेत्र के लोगों को मिला है। सासंदों को दो पेज का फार्मेट भेजकर उनसे उनके कामों के अलावा क्षेत्र का भूगोल और गणित भी बताने को कहा गया है। इसके अलावा पीएम की योजनाओं के बारे में भी सांसदों से जानकारी मांगी गई है।

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छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनावों में मिली शिकस्त के बाद बीजेपी लोकसभा चुनाव की तैयारी में फूंक फूंक कर कदम रख रही है। टिकट वितरण के लिए अपनाई जा रही प्रक्रिया में इसका असर साफ देखा जा सकता है। पार्टी कैंडिडेट्स को लेकर सर्वे करा चुकी है और अब सांसदों को एक फॉर्मेट के जरिए अपने कामों के रिकॉर्ड के साथ साथ क्षेत्र का पूरा डाटा मंगाया जा रहा है, जिसके आधार पर टिकट दिया जाएगा। इस फॉर्मेट में क्षेत्र में हुए संगठन के कार्यक्रमों की जानकारी भी मांगी गयी है।इसके अलावा लोकसभा क्षेत्र में पांच साल में शहीद हुए जवानों की भी जानकारी इस फॉर्मेट के जरिए मांगी गई है।

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लोकसभा टिकट वितरण से पहले बीजेपी क्षेत्र का जातिगत और धार्मिक गणित करीब से जानना चाहती है। इसके अलावा वो केन्द्र की योजनाओं का ग्रामीण और शहरी इलाकों में असर भी जानना चाहती है। इसके लिए सांसदों से कहा गया कि वे पीएम मोदी सरकार की उन पांच योजनाओं का नाम लिखकर दें जो जनता के बीच सबसे असरकारी रही हैं और जिनसे चुनाव में फायदा हो सकता है। सांसद से क्षेत्र के कुल मतदाता, पुरुष, महिला की जानकारी भी मंगाई गयी है। इसके अलावा उनसे ये भी लिखने को कहा गया है कि क्षेत्र से सबसे मजबूत कांग्रेस दावेदार कौन और क्यों हैं। इसके अलावा दावेदारी कर रहे अन्य पांच मजबूत नेताओं के नाम भी मांगे हैं। सांसदों को ये भी बताना होगा कि पिछले पांच साल के दौरान उन्होंने अपनी निधि से कितने निर्माण कार्यों को स्वीकृति दी और उनमें से कितने पूरे हुए।

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बीजेपी से सांसदों का हिसाब मांगे जाने को पार्टी नेता सही ठहरा रहे हैं, तो कांग्रेस सवाल उठा रही है। कांग्रेस की मीडिया प्रभारी शोभा ओझा ने बीजेपी के सांसदों से मांगी जा रही जानकारी पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि पांच साल में कुछ किया नहीं है अब कितने भी फार्मेट भरवा लीजिए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की हार तय है।

 
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