देश की सबसे आधुनिक तोप का पहली बार होगा इस शहर में परीक्षण, गणतंत्र दिवस परेड में बढ़ायेगी प्रदेश की शान | The country's most modern cannon will be tested for the first time in this city The pride of the state will increase in Republic Day parade

देश की सबसे आधुनिक तोप का पहली बार होगा इस शहर में परीक्षण, गणतंत्र दिवस परेड में बढ़ायेगी प्रदेश की शान

देश की सबसे आधुनिक तोप का पहली बार होगा इस शहर में परीक्षण, गणतंत्र दिवस परेड में बढ़ायेगी प्रदेश की शान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : September 10, 2019/4:57 am IST

जबलपुर। दुश्मन की धरती पर कहर बरपा ने के लिए अब भारतीय सेना के पास दुनिया की सबसे आधुनिक तोप है। जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री में बनकर तैयार हुई धनुष तोप बोफोर्स तोप का स्वेदशी और आधुनिक संस्करण है। जिसे पूरी तरह से जीसीएफ फैक्ट्री में ही तैयार किया गया है। गन कैरिज फैक्टरी (जीसीएफ) में निर्मित स्वदेशी ‘धनुष’ तोप (155 एमएम/45 कैलिबर गन) की जल्द ही जबलपुर के खमरिया लांग प्रूफ रेंज (एलपीआर) में फायरिंग जांच की जाएगी, इसके पहले अभी तक बालासोर और पोखरण में ही तोपों की टेस्टिंग होती थी। एलपीआर में धनुष तोप की पहली बार होने वाली टेस्टिंग की तैयारियां शुरू की जा रही हैं,तोप की टेस्टिंग से पहले सुरक्षा के लिहाज से एलपीआर से सटकर बसे गांव के लोगों को अभी से सतर्क किया जा रहा है,ताकि फायरिंग के दौरान आस-पास के क्षेत्र में जाने की कोई भी कोशिश न करें, और फिर इसके बाद धनुष तोप को बालासोर और पोखरण फायरिंग रेंज भेजा जायेगा।

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इतना ही नहीं देश की सबसे शक्तिशाली स्वदेशी धनुष तोप दिल्ली के राजपथ पर 26 जनवरी की परेड में शामिल किया जायेगा, सरकार की मंशा धनुष तोप को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल कर भारतीय सेना की शक्ति के रूप में प्रदर्शित करना है, वहीं भारतीय सेना धनुष तोप को 15 जनवरी को आर्मी डे पर होने वाले कार्यक्रम में भी अपने शक्तिशाली और अहम हथियार के रूप में भी प्रदर्शित करना चाहती है। हालांकि इससे पहले गणतंत्र दिवस परेड में धनुष तोप के प्रोटोटाइप को शामिल किया जा चुका है, उस समय यह ट्रायल के दौर में थी, लेकिन अब इसे आधिकारिक रूप से सेना को सौंप दिया गया है।

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साल 2020 के गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने वाली दोनों धनुष तोप को बनाने का काम वर्तमान में जीसीएफ के धनुष सेक्शन में लगातार चल रहा है, इनमें से एक तोप में बेयरिंग, बैरल लगाने का काम किया गया है, तो वहीं दूसरी तोप के निचले हिस्से में पेंटिंग का काम चल रहा है, फैक्ट्री सूत्रों की माने तो निर्माणी प्रशासन ने धनुष तोप सेक्शन के प्रभारी को दो टूक कहा है कि इन दोनों तोपों को दिल्ली भेजना है, जहां 26 जनवरी की परेड में शामिल होंगी, इस पर सेक्शन प्रभारी ने कर्मचारियों को दोनों तोप को नवंबर तक हर हाल में बनाने का लक्ष्य दिया है, दरअसल इससे पहले धनुष तोप कई दौर के परीक्षणों से गुजरी है, टेस्टिंग के दौरान धनुष से 4 हजार 500 से ज्यादा राउंड गोला दागे गए, अभी देश में ऐसी कोई भी तोप नहीं है, जिसका परीक्षण इस स्तर पर किया गया हो, खासियत यह है कि कारगिल युद्ध के दौरान अपनी उपयोगिता साबित कर चुकी बोफोर्स की तुलना में यह बेहतर तोप है जो न सिर्फ ज्यादा दूरी तक मार कर सकती है बल्कि पूरी तरह स्वचलित भी है।

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धनुष तोप का सॉफ्टवेयर भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड ने तैयार किया है, जो अन्य तोपों की तुलना में कई गुना आधुनिक और सुरक्षित है। धनुष 155 एमएम/ 45 कैलिबर गन है। इसका बैरल बोफोर्स की तुलना में बढ़ा है । जिस कारण यह अधिक दूरी तक गोला फेंककर मार करने में सक्षम है। यह जमीन से जमीन पर और जमीन से आसमान में तकरीबन 38 किमी दूर तक सटीक निशाना लगाती है। धनुष तोप की खासियत की बात की जाए तो 38 किलो मीटर मारक क्षमता वाली स्वदेशी तोप धनुष का सिस्टम फुल ऑटोमैटिक है, जिस पर मौसम का कोई असर नहीं पड़ता है। चाहे तेज ठंड, बारिश या फिर गर्मी ही क्यों न हो। सभी में अचूक निशाना लगाने में माहिर है। इसके अलावा धनुष की एक ख़ास बात ये भी है कि इसका वजन हल्का है जो इसे तेजी से मूवमेंट करने में मदद करता है।

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