कोरोना संक्रमित ससुर को पीठ पर उठाकर बहू ने पहुंचाया अस्पताल, फिर भी नहीं बची जान.. रास्ते भर फोटो खींचते रहे लोग | The daughter-in-law took the corona-infected father-in-law on her back to the hospital, yet did not save her life.

कोरोना संक्रमित ससुर को पीठ पर उठाकर बहू ने पहुंचाया अस्पताल, फिर भी नहीं बची जान.. रास्ते भर फोटो खींचते रहे लोग

कोरोना संक्रमित ससुर को पीठ पर उठाकर बहू ने पहुंचाया अस्पताल, फिर भी नहीं बची जान.. रास्ते भर फोटो खींचते रहे लोग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : June 10, 2021/9:19 am IST

नगांव। असम के नगांव की रहने वाली निहारिका दास ने ऐसी मिसाल पेश की जिसके ​लिए हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है। बेटे का फर्ज निभाकर वह आदर्श बहू बन गई हैं। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि बहू हो तो निहारिका दास जैसी, जिसने अपने कोरोना पॉजिटिव ससुर को पीठ पर उठाकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाई है। वह भी दो किलोमीटर पैदल चलकर। इस दौरान लोग फोटो खींचते रहे, लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया।

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निहारिका अपने कोरोना संक्रमित ससुर को पीठ पर लादकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं थीं। व​ह करीब दो किलोमीटर तक पैदल चलीं, उसके बाद अस्पताल पहुंचीं। निहारिका के ससुर थुलेश्वर दास राहा क्षेत्र के भाटिगांव में सुपारी विक्रेता थे।

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वहीं निहारिका के पति सिलीगुड़ी में काम करते हैं। 2 जून को थुलेश्वर दास की तबीयत बिगड़ी और उनमें कोरोना के लक्षण दिखे थे। उन्हें 2 किमी दूर राहा के स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए बहू निहारिका ने रिक्शे का इंतजाम किया, लेकिन ऑटो रिक्शा घर तक नहीं आ सका।

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उस वक्त घर में कोई और मौजूद नहीं था। इसलिए निहारिका ने तय किया कि वह खुद ही अपने ससुर को अस्पताल लेकर जाएंगी। ससुर को पीठ पर लादकर वह ऑटो स्टैंड तक ले गईं और फिर स्वास्थ्य केंद्र पर ऑटो से निकालकर अस्पताल के अंदर ले गईं।

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हालांकि इतनी मेहनत के बाद भी निहारिका अपने ससुर को नहीं बचा सकीं और खुद भी कोरोना पॉजिटिव हो गईं। निहारिका जब अपने ससुर को अस्पताल ले जा रही थीं, इस दौरान लोग उनकी फोटो खींचते रहे, लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। निहारिका दास की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

 

 

 
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