भारत की ड्रैगन को दो टूक- टकराव वाले स्थान से पीछे हटे चीन, सुबह 10 बजे से शुरु होकर देर रात ढाई बजे तक चली सैन्य वार्ता | The Dragon of India bluntly China withdrew from the collision Military talks starting at 10 am and lasted till 2:30 pm

भारत की ड्रैगन को दो टूक- टकराव वाले स्थान से पीछे हटे चीन, सुबह 10 बजे से शुरु होकर देर रात ढाई बजे तक चली सैन्य वार्ता

भारत की ड्रैगन को दो टूक- टकराव वाले स्थान से पीछे हटे चीन, सुबह 10 बजे से शुरु होकर देर रात ढाई बजे तक चली सैन्य वार्ता

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : January 25, 2021/4:32 am IST

नई दिल्ली। करीब ढाई महीने के अंतराल के बाद भारत और चीन की सेनाओं ने रविवार को कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता की। इसका उद्देश्य पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया पर आगे बढ़ना है।

सूत्रों की जानकारी के मुताबिक उच्च स्तरीय सैन्य वार्ता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की ओर स्थित मोल्दो सीमावर्ती क्षेत्र में सुबह दस बजे शुरु हुई थी, जो देर रात ढाई बजे तक चलती रही।

इससे पहले, छह नवंबर को हुई आठवें दौर की वार्ता में दोनों पक्षों ने टकराव वाले खास स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने पर व्यापक चर्चा की थी।

वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन कर रहे हैं।
Read More News:  45 साल के युवक ने 6 साल की मासूम को बनाया हवस का शिकार, पहुंचा हवालात

भारत लगातार यह कहता आ रहा है कि पर्वतीय क्षेत्र में टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को वापस बुलाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और तनाव को कम करने की जिम्मेदारी चीन की है। भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि चीनी सेना को सभी टकराव वाली जगहों से पूरी तरह पीछे हटना होगा।

कोर कमांडर स्तर की सातवें दौर की वार्ता 12 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें चीन ने पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास सामरिक महत्व के अत्यधिक ऊंचे स्थानों से भारतीय सैनिकों को हटाने पर जोर दिया था। लेकिन भारत ने टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया एक ही समय पर शुरू करने की बात कही थी।

पूर्वी लद्दाख में विभिन्न पवर्तीय क्षेत्रों में भारतीय थल सेना के कम से कम 50,000 जवान युद्ध की तैयारियों के साथ अभी तैनात हैं। दरअसल, गतिरोध के हल के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता में कोई ठोस नतीजा हाथ नहीं लगा है। अधिकारियों के अनुसार चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है।
Read More News: गणतंत्र दिवस पर प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा राजधानी भोपाल में फहराएंगे तिरंगा, करेंगे  

पिछले महीने, भारत और चीन ने भारत-चीन सीमा मामलों पर ‘परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र’ (डब्ल्यूएमसीसी) ढांचा के तहत एक और दौर की राजनयिक वार्ता की थी, लेकिन इस वार्ता में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला था।

छठें दौर की सैन्य वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने अग्रिम मोर्चों पर और सैनिक नहीं भेजने, जमीनी स्थिति में बदलाव करने के एकतरफा प्रयास नहीं करने तथा विषयों को और अधिक जटिल बनाने वाली किसी भी गतिविधि से दूर रहने सहित कई फैसलों की घोषणा की थी।