पाकिस्तान के नेता ने मोदी से की शरण देने की मांग, कहा राजनीतिक शरण नही दे सकते तो आर्थिक मदद ही कर दें | The leader of Pakistan asked for asylum from Modi, said if you cannot give political asylum then only give financial help

पाकिस्तान के नेता ने मोदी से की शरण देने की मांग, कहा राजनीतिक शरण नही दे सकते तो आर्थिक मदद ही कर दें

पाकिस्तान के नेता ने मोदी से की शरण देने की मांग, कहा राजनीतिक शरण नही दे सकते तो आर्थिक मदद ही कर दें

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : November 17, 2019/1:24 pm IST

नई दिल्ली। पाकिस्तान के एक नेता ने पीएम मोदी से राजनीतिक शरण देने की मांग की है, साथ ही कहा है कि अगर देश निर्वासित पाकिस्तानी राजनेता और उनके साथियों को शरण देने में असमर्थ है तो उनकी आर्थिक मदद की जाए। पाकिस्तान में मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें भारत में राजनीतिक शरण देने की मांग की है। पाकिस्तान में कुछ लोग अल्ताफ हुसैन को पीर भी मानते हैं।

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सोशल मीडिया में शेयर किए अपने भाषण में अल्ताफ हुसैन ने कहा कि वो भारत जाना चाहते हैं, क्योंकि उनके दादा वहीं दफन हुए थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे दादा को वहीं दफनाया गया है, मेरे हजारों रिश्तेदारों को भारत में ही दफनाया गया है। मैं उनकी कब्र पर जाना चाहता हूं।’ पीएम मोदी से गुहार लगाते हुए MQM लीडर ने कहा कि 22 अगस्त, 2017 के भाषण के बाद कराची में उनके ऑफिस और घर को कब्जे में ले लिया गया। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें शरण देने का जोखिम नहीं उठा सकते तो आर्थिक मदद ही कर दें।

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बता दें कि अल्ताफ हुसैन अभी लंदन में राज्य विरोधी भाषणों के चलते घिरे हैं और हाल के दिनों में मेट्रोपोलिटन पुलिस ने उनकी जमानत शर्तों पर ढील दे दी। अब अगले साल जून में उनके केस का ट्रायल शुरू होना है। उनका पासपोर्ट उनकी जमानत शर्तों के तहत यूके पुलिस के पास है। इसके अलावा जब तक कोर्ट द्वारा अनुमति नहीं दी जाती है, तब तक उन्हें किसी भी यात्रा दस्तावेज के लिए आवेदन करने की अनुमति नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हुसैन पर पाकिस्तान में 3576 मामले चल रहे हैं।

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अल्ताफ हुसैन करीब 27 साल पहले लंदन आकर बस गए थे। यहीं से वो अपनी पार्टी कौमी मुत्तहिदा मूवमेंट का संचालन करते हैं। बताया जाता है कि साल 1992 में तत्कालीन दिवंगत प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने सेना भेजकर कराची में एमक्यूएम और उसके नेताओं को ठिकाने लगाया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक कराची में उस दिन हजारों लोग मार गए थे। हुसैन इसी बीच अपनी जान को खतरा बताते हुए लंदन में जाकर बस गए। साल 2002 में उन्हें ब्रिटिश नागरिकता मिल गई।

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