कुलपति को हटाने के​ लिए रिश्वत की पेशकश करने वाले कॉलेज प्राचार्य को प्रबंधन ने दिखाया बाहर का रास्ता, देखिए क्या है मामला | removed college principal who offered bribe to remove the vice-chancellor

कुलपति को हटाने के​ लिए रिश्वत की पेशकश करने वाले कॉलेज प्राचार्य को प्रबंधन ने दिखाया बाहर का रास्ता, देखिए क्या है मामला

कुलपति को हटाने के​ लिए रिश्वत की पेशकश करने वाले कॉलेज प्राचार्य को प्रबंधन ने दिखाया बाहर का रास्ता, देखिए क्या है मामला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : September 3, 2019/11:48 am IST

अंबिकापुर। संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय से संबंधित इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य आर एन खरे को आखिरकार विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कार्यमुक्त कर दिया। प्राचार्य आर एन खरे के खिलाफ न सिर्फ गोपनीय जानकारी मांगने बल्कि कुलपति को कथित तौर पर हटाए जाने को लेकर रिश्वत देने के पेशकश किये जाने और इंजीनियरिंग कॉलेज में गड़बड़ी के कई आरोप थे। विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि आर एन खरे पर आरोपों की जांच चल रही है और उन्हें कार्यमुक्त उनके भर्ती के नियम के आधार पर किया गया है। जिसमें 5 साल की सेवा अवधि समाप्त होने पर प्राचार्य को कार्यमुक्त किया जाना था।

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बता दें कि लखनपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य आरएन खरे पिछले कुछ समय से लगातार सुर्खियों में रहे पहले लखनपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में आर्थिक अनियमितता का मामला सामने आया था। फिर सोशल अकाउंट पर चैटिंग के जरिए वर्तमान कुलपति को हटाए जाने के लिए बड़े अधिकारी को रिश्वत देने की पेशकश का चैट भी खूब वायरल हुआ था। साथ ही गोपनीय जानकारी मांगने के आरोप और उसकी शिकायत भी विश्वविद्यालय प्रबंधन को की गई थी। ऐसे में इन तमाम मामलों में प्राचार्य आर एन खरे के खिलाफ जांच चल रही है।

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अब विश्वविद्यालय प्रबंधन ने उन्हें कार्यमुक्त कर दिया है। हालाकि विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि विश्वविद्यालय के नियम के अनुरूप 5 साल पूरा होने पर प्राचार्य को कार्यमुक्त किया जाना है और इसी नियम के तहत उन्हें कार्यमुक्त किया गया है। आर एन खरे के खिलाफ जांच जारी होने और उसके बाद कार्रवाई करने की बात विश्वविद्यालय प्रबंधन कह रहा हैं। मगर कहीं ना कहीं आरएन खरे को बाहर का रास्ता दिखाने के पीछे दर्ज शिकायतों को ही कारण माना जा रहा है।