भोपाल: मध्यप्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटी और फिर 15 महीने में सत्ता से बेदखल होने के बाद कांग्रेस एक बार फिर वापसी की तैयारी में जुट गई है। इस बार उसने रणनीति में बदलाव करते हुए आधी आबादी यानी महिला वोटरों को साधने का प्लान बनाया है। महिला कांग्रेस की बैठक में पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने जीत का मंत्र दिया कि महिलाएं चुनाव जीताती भी है और हराती भी। इतना ही नहीं पूर्व सीएम ने महिलाओँ के मुद्दे पर सरकार को घेरने की वकालत की है। ऐसे में सवाल है कि कमलनाथ के मंत्र से कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी?
विधानसभा और निकाय चुनाव के पहले मध्यप्रदेश कांग्रेस ने खुद को मजबूत करने की कोशिशें तेज कर दी है। कांग्रेस को उम्मीद है कि सत्ता के बंद दरवाजे वूमेन पावर ही खोल सकती हैं, लिहाजा पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने महिला कांग्रेस की बैठक में महिला संगठन को मजबूत करने और महिलाओं को जोड़ने की बात कही। महिला कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देते हुए कहा कि चुनाव जीतने-हारने में महिलाओं की भूमिका निर्णायक है। कमलनाथ ने महिला कांग्रेस पदाधिकारियों से बढ़ती महंगाई के खिलाफ घर घर दस्तक देकर आधी आबादी को कांग्रेस से जोड़ने की वकालत की है।
Read More: VIP रोड अपराध का अड्डा! कार्रवाई करने के लिए पुलिस कर रही किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार?
पूर्व सीएम ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में लगातार महिला अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है, महिलाएं असुरक्षित हैं। सरकार को घेरने महिला कांग्रेस 8 मार्च महिला दिवस पर बड़ा अधिवेशन करेगी।
दरअसल बीजेपी-कांग्रेस दोनों का फोकस आधी आबादी पर है। बीजेपी ने साल 2018 के विधानसभा चुनावों में उज्जवला योजना और ट्रिपल तलाक बिल को मुद्दा बनाकर वोट हासिल किए। बीजेपी ने हाल मे ही माया नरोलिया को महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाया है। माया नरोलिया होशंगाबाद जिले से ताल्लुक रखती हैं। पार्टी की ये कवायद ग्रामीण इलाकों में महिला वोटरों को साधने के लिए है।
ये तो तय है कि अगले विधानसभा चुनाव की जीत हार में आधी आबादी निर्णायक साबित होगी। इससे पहले कांग्रेस सरकार में इमरती देवी,विजयलक्ष्मी साधौ और हिना कांवरे को कैबिनेट मंत्री बनाकर ये संदेश देने की कोशिश की थी कि कांग्रेस महिलाओं के सम्मान में कोई कसर नहीं छोड़ती। वहीं बीजेपी की शिवराज सरकार में तीन महिला मंत्री उषा ठाकुर, मीना सिंह औऱ यशोधरा राजे सिंधिया हैं। बहरहाल बीजेपी कांग्रेस ने महिला वोटरों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम बनाने भी शुरु कर दिए हैं। दोनों ही दलों की कोशिश है कि नगरीय निकाय चुनाव के जरिए पार्टी के लिए महिला वोटरों के बीच माहौल बनाया जा सके।