इन दिनों सोशल मीडिया में किसी भी खबर को बिना पुख्ता सबूत के आगे फारवर्ड करने का फैशन सा हो गया है।शायद ये इंसान की आगे बढ़ने की ही होड़ ही है जो कभी कभी ज़िंदा इंसान को मार देती है तो कभी माँ की गोद में बैठे बच्चे को भी गुमशुदा करार देती है। छत्तीसगढ़ में नए साल का जश्न अभी ख़त्म भी नहीं हुआ था कि जाने माने हास्य कवि पद्मश्री सुरेन्द्र दुबे की मौत की खबर तेजी से वायरल होने लगी।
हास्य एवं व्यंग के सुप्रसिद्ध कवी श्री सुरेंद्र दुबे जी के निधन पर शोक व्यक्त करती हूँ। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि वह दिवंगत की आत्मा को शांति तथा शोक सतंप्त परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करे।
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) January 2, 2018
चुकि श्री दुबे देश के ख्याति प्राप्त कवियों में गिने जाते है इसलिए उनकी मौत की खबर से सभी स्तबध थे। लेकिन जब हमने इस वायरल खबर का सच पता किया तो परिणाम ये निकला कि राजस्थान के अलवर जिले के हास्य कवि सुरेंद्र दुबे की मौत की खबर पर वसुंधरा राजे सिंधिया ने शोक प्रगट किया था जिसे पढ़ कर किसी ने ये बात आगे बढ़ा दी कि छत्तीसगढ़ के कवि सुरेंद्र दुबे की मृत्यु हो गयी है।
Padma Shri, Dr Surendra Dubey to be awarded the Pandit Sundarlal Sharma Samman at the Rajya Alankaran Samaroh today. #Rajyotsav pic.twitter.com/tFWd7JOo44
— DPR Chhattisgarh (@DPRChhattisgarh) November 5, 2017
इस बारे में जब हमने छत्तीसगढ़ के हास्य कवि सुरेंद्र दुबे से बात करने के लिए कॉल लगाया तो उधर से आवाज आई टाइगर अभी ज़िंदा है और उसके बाद जोर का ठहाका। उन्होंने बताया कि कई लोगो को तो उन्हें अपना ज़िंदा होने का साबुत कसम खा कर देना पड़ा. दो दिन के अंदर न वो किसी को नए साल की बधाई दे पाए और न चैन से खाना सिर्फ लोग उनके परिवार को ढाढस बांधने के लिए ही फोन कर रहे हैं। जिसके पीछे की वजह भी उन्होंने बताई कि काफी थकान और नींद पूरी न होने के कारण उन्होंने अपना फोन बंद रखा था। जैसे ही सुरेंद्र दुबे लोगो ने पढ़ा तो उन्होंने बंद फोन कवि सुरेन्द्र दुबे मुख्यमंत्री की ट्वीट सब को मिला कर मेरी मौत की खबर फैला दी।
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