पेयजल संकट को दूर करने वाली योजना ही शहरवासियों के लिए बनी परेशानी का सबब, हर जगह खुदे गढ्ढ़ों से जनता बेहाल | The plan to remove the drinking water crisis is the cause of trouble for the citizens, the public is suffering from the pits everywhere

पेयजल संकट को दूर करने वाली योजना ही शहरवासियों के लिए बनी परेशानी का सबब, हर जगह खुदे गढ्ढ़ों से जनता बेहाल

पेयजल संकट को दूर करने वाली योजना ही शहरवासियों के लिए बनी परेशानी का सबब, हर जगह खुदे गढ्ढ़ों से जनता बेहाल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : June 12, 2020/1:01 pm IST

बिलासपुर। नगर निगम में अमृत मिशन योजना शहरवासियों के लिए परेशानियों का सबब बन गया है। योजना के नाम पर शहर में जगह-जगह बेतरतीब खुदाई की जा रही है, ठेकेदार नियमों व मापदंडों पालन नहीं कर रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि मानसून मुंहाने पर है औऱ शहर की अधिकांश सड़कें खस्ताहाल हैं।

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दरअसल, शहर में पेयजल संकट को देखते हुए 300 करोड़ के अमृत मिशन योजना को स्वीकृति दी गयी थी। 2019 योजना का डेडलाइन थी, ठेकेदार को 2019 के आखिर तक काम पूरा करना था लेकिन सीवरेज और अन्य योजनाओं की तरह ये योजना भी लेटलतीफी की भेंट चढ़ गयी। 2020 का आधा साल बीतने के बाद भी योजना को पूरा नहीं किया जा सका है।

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बताया जा रहा है, 270 किलोमीटर के इस काम में अभी भी 100 किलोमीटर पाइप लाइन डालने का काम बाकी है, यही नहीं योजना के तहत पानी टंकी निर्माण सहित ट्रीटमेंट प्लांट तक का काम पूरा नहीं हुआ है। योजना की इस कछुवा चाल का खामियाजा अब शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। बारिश मुहाने पर है और शहर की अधिकांश सड़कें खुदी हुई खस्ताहाल है। ठेकेदार मनामने तरीके से काम कर रहा है। खुदाई और काम होने के बाद तय समय में रेस्टोरेशन भी नहीं किया जा रहा है। इसके कारण जहां लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं, वहीं धूल और गड्ढे लोगों के आवागमन में दिक्कत खड़े कर रहे हैं।

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शहरवासियों के साथ विपक्ष भी योजना और उसके नाम पर की जा रही लापरवाही पर सवाल खड़े कर रहे हैं। उनका कहना है, निगम का ठेकेदारों पर कंट्रोल नहीं है, यही नहीं जिम्मेदार जनप्रतिनिधि भी सबकुछ देखकर आंख मूंदे हुए हैं, जिसका खामियाजा केवल आमजनता भुगत रही है। इधर निगम सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधी कोरोना के कारण योजना में विलंब की बात कह रहे हैं, उनका कहना है, आने वाले सीजन तक अमृत मिशन योजना का काम पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन ठेकेदार के द्वारा जो लापरवाही की जा रही है, उसके लिए उन्हें कड़ी चेतावनी दी गई है, ताकि मानसून से पहले जितने काम हुए हैं, वहां फिलिंग और रेस्टोरेशन का काम पूरा कर खस्ताहाल सड़कों को ठीक किया जा सके।

 
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