अर्जी लगाते ही पूरी हो जाती है मनोकामना, 'रामलला' के इस धाम से खाली हाथ नहीं जाता कोई | The wish is fulfilled as soon as the application is made Nobody goes empty-handed from this 'Dham of Ramlala'

अर्जी लगाते ही पूरी हो जाती है मनोकामना, ‘रामलला’ के इस धाम से खाली हाथ नहीं जाता कोई

अर्जी लगाते ही पूरी हो जाती है मनोकामना, 'रामलला' के इस धाम से खाली हाथ नहीं जाता कोई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : June 27, 2020/9:41 am IST

जय हनुमान…अंजनी सुत…वायु पुत्र…महाबली बजरंग..रामेष्ठ..सीता शोक विनाशन…संकटमोचन..
अर्जी वाले हनुमान कष्टों हरो…मुरादें पूरी करो..इन्हीं याचनाओं के साथ आते हैं यहां भक्त और लगाते है अर्जी ।

जबलपुर के अर्जी वाले हनुमानजी के धाम के रूप में प्रसिद्ध है रामलला मंदिर । बस एक नारियल..एक अर्जी और पूरी हो जाती है मनोकामनाएं । यहां रोज अर्जी लगाने वालों का तांता लगता है। भक्तों को सिर्फ एक नारियल भेंट करना होता है। इसके बाद अर्जी को मंदिर के रजिस्टर में लिखा जाता है। रजिस्टर में अर्जी लगाने वाले का नाम,पता..और मनोकामना लिखी जाती है। इसके बाद मंदिर के पुजारी रजिस्टर में लिखी अर्जियों को पवनसुत हनुमान को पढ़कर सुनाते हैं।

ये भी पढ़ें- आस्था की नगरी : पग-पग में मिलते श्रीराम के पद चिन्ह, शबरी के जूठे ब…

अर्जी वाले हनुमानजी के मंदिर में भक्त सिर्फ अपनी नहीं बल्कि अपने परिवार और दूर देश के रिश्तेदारों की अर्जियां भी लगाते हैं। जब जिसकी मनोकामना पूरी होती है…वो एक बार फिर अर्जी वाले हनुमान मंदिर आते हैं। जिसके बाद मंदिर के पुजारी उस व्यक्ति की अर्जी के सामने रजिस्टर में लिखते है मनोकामना पूरी हुई । प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने से यहां भक्त अर्जी लगाने आते हैं।

ये भी पढ़ें- सेठानी घाट से दिखता है नर्मदा नदी का समुद्र जैसा रुप, भोर होते ही श…

वैसे तो साल भर अर्जी वाले हनुमान के दर्शनों के लिए भक्त आते हैं। लेकिन साल भर में सिर्फ एक दिन हनुमान जी के दिव्य दर्शन होते हैं, वो दिन होता है हनुमान जयंती का…इस दिन मंदिर के गर्भगृह से हनुमानजी की चमत्कारी प्रतिमा को दर्शनों के लिए बाहर निकाला जाता है। मंदिर से जुड़े लोग बताते हैं कि अब तक यहां ढाई लाख से ज्यादा अर्जियां यहां लगाई जा चुकी हैं। अगर आपकी भी कोई मनोकामना हो तो खुला हुआ है, अर्जी वाले हनुमानजी का द्वार । इस द्वार में न देर है और न ही अंधेर ।

 

 
Flowers