इस यूनिवर्सिटी ने जारी किया छात्र संघ चुनाव कार्यक्रम, शपथ ग्रहण सहित समस्त कार्रवाई इस तारीख तक पूरी करने के निर्देश | This university released student union election program Instructions to complete all actions including swearing by this date

इस यूनिवर्सिटी ने जारी किया छात्र संघ चुनाव कार्यक्रम, शपथ ग्रहण सहित समस्त कार्रवाई इस तारीख तक पूरी करने के निर्देश

इस यूनिवर्सिटी ने जारी किया छात्र संघ चुनाव कार्यक्रम, शपथ ग्रहण सहित समस्त कार्रवाई इस तारीख तक पूरी करने के निर्देश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : September 21, 2019/5:11 am IST

बिलासपुर। लंबे समय के इंतजार के बाद छत्तीसगढ़़ के बिलासपुर स्थित अटल यूनिवर्सिटी ने छात्र संघ चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया है। पिछले दो साल के जैसे इस साल भी छात्र नेताओं के हाथ मायूसी लगी। चुनाव का इंतजार कर रहे छात्र नेताओं के इरादे पर पानी फेरते यूनिवर्सिटी ने इस बार फिर छात्र संघ अध्यक्ष व पदाधिकारियों का मनोनयन करने जा रही है। यूनिवर्सिटी से मिले दिशा-निर्देशों के बाद कोरबा समेत अटल यूनिवर्सिटी से संबंधित सभी कॉलेजों में छात्र संगठन के मनोनयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मनोनयन मेरिट बेस पर किया जाएगा, वहीं शपथ ग्रहण की सहित सभी कार्रवाई 30 सितंबर तक पूरी करने के निर्देश कॉलेज प्रमुखों को दिए गए हैं।

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बता दें कि सीधे मतदान से छात्रसंघ चुनाव की व्यवस्था 2003 से पहले की गई थी। कॉलेजों में 2006 से 2012 तक छात्रसंघ का मनोनयन हुआ। इसके बाद भाजपा सरकार ने 2014-15, 2015-16 और 2016-17 तक पदाधिकारियों के लिए मतदान प्रणाली से चुनाव कराए। विधानसभा चुनाव से पहले स्थिति प्रतिकूल जानकर 2017-18 में छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाने का एलान कर दिया। इसके बाद 2017-18 और 2018-19 में फिर मनोनयन हुआ। इस दौरान अटल यूनिवर्सिटी से संबद्ध अधिकांश कॉलेजों में 2018-19 में मनोनयन की प्रक्रिया अपनाई गई।

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अब सत्र 2019-20 के लिए चुनाव होगा कि मनोनयन इस संबंध में भी जानकारी नहीं दी है। प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी में अध्यक्ष समेत अन्य पदों के चुनाव के लिए 2014-15 से लेकर 2016-17 तक तीन बार वोटिंग हुई थी। तीनों ही बार यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का दबदबा था। साल 2016 में आखिरी बार मतदान से पदाधिकारियों का चयन हुआ। तब भी विश्वविद्यालयों में एबीवीपी ने ही जीत दर्ज की थी। एनएसयूआई का प्रदर्शन विश्वविद्यालयों में कमजोर रहा, लेकिन कॉलेजों में इनका ही दबदबा रहा। शायद यही वजह है की सरकार ने इस बार भी चुनाव का फैसला नहीं लिया है और मनोनयन के निर्देश जारी किये है।

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