रायपुर। लंबे समय से अटका तीन तलाक विधेयक गुरुवार को लोकसभा में पारित हो गय। विधेयक के पक्ष में 245 और विरोध में 11 वोट पड़े। वोटिंग से पहले कांग्रेस और एआईएडीएमके ने विधेयक के में सदन से वॉक आउट किया। वोटिंग से पहले बिल पर लंबी बहस हुई।
इससे पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि विपक्ष इस बिल को ज्वॉइंट सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग कर रही है। विपक्ष की तरफ से जो आवाज उठी है उसके पीछे सिर्फ एक वजह है कि इस बिल में तीन तलाक के बिल को क्यों आपराधिक बनाया गया है। जब इस सदन ने दूसरे अपराधों के लिए कठोर कानून को पारित किया तो किसी ने ये नहीं कहा कि दोषियों के परिवार वालों का क्या होगा। लेकिन तीन तलाक को आपराधिक घोषित किए जाने पर विपक्षी दलों को ऐतराज क्यों हो रहा है। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल लोकसभा में पेश किया।
लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महिलाओं के नाम पर लाया गया यह बिल समाज को जोड़ने का नहीं तोड़ने का बिल है। उन्होंने कहा कि यह समानता के अधिकार और इस्लाम के भी खिलाफ है। खड़गे ने कहा कि धर्म के नाम पर यह बिल भेदभाव करता है और धार्मिक आजादी के खिलाफ है। खड़गे ने कहा कि संविधान के मूल्य आधार के खिलाफ सरकार कोई भी कानून नहीं बना सकती है।
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बता दें कि लोकसभा में पिछले हफ्ते जब मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक- 2018 चर्चा के लिए लाया गया तो सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुझाव दिया कि इस पर अगले हफ्ते चर्चा कराई जाए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष से आश्वासन मांगा कि उस दिन बिना किसी बाधा के चर्चा होने दी जाएगी। इस पर खड़गे ने सहमति दी थी।