छत्तीसगढ़ में कल पहुंच सकता है टिड्डी दल, कवर्धा के सीमावर्ती इलाकों में मचा रहा आतंक | Tiddi Dal will Be Enter in Chhattisgarh tomorrow

छत्तीसगढ़ में कल पहुंच सकता है टिड्डी दल, कवर्धा के सीमावर्ती इलाकों में मचा रहा आतंक

छत्तीसगढ़ में कल पहुंच सकता है टिड्डी दल, कवर्धा के सीमावर्ती इलाकों में मचा रहा आतंक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:18 PM IST, Published Date : May 28, 2020/12:52 pm IST

कवर्धा: राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और पंजाब में आतंक मचाने के बाद अब टिड्डी दल छत्तीसगढ़ की ओर तेजी से बढ़ रहा है। खबर आ रही कि टिड्डियों का झूंड छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र बालाघाट जिले के लांझी तक पहुंच चुका है। बताया जा रहा है कि टिड्डी दल कभी भी कवर्धा में एंट्री कर सकता है। हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। वहीं टिड्डियों से निपटने के लिए कृषि विभाग ने भी तैयारी शुरू कर दी है।

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मिली जानकारी के अनुसार टिड्डी दल मध्यप्रदेश के लाघाट जिले के लांझी तक पहुंच चुका है और कल सुबह तक कवर्धा में प्रवेश कर सकता है। बताया जा रहा है कि टिड्डियों का झूंड हवा की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। टिड्डी दल पपीता, सब्जी, गन्ना की फसल को नुक़सान पहुंचा सकता है। हालांकि कृषि विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।

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बता दें कि संचालक, कृषि टामन सिंह सोनवानी ने कल बताया था कि टिड्डी दल सिंगरौली की तरह बढ़ा है, जो छत्तीसगढ़ राज्य के सीमावर्ती जिले कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर की ओर से छत्तीसगढ़ राज्य में प्रवेश कर सकता है। उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों को टिड्डी दल के नियंत्रण हेतु आपदा प्रबंधन मद से आवश्यक व्यवस्था करने को कहा है। टिड्डी दल के संबंध में सूचनाओं के आदान-प्रदान तथा इनके नियंत्रण हेतु कृषकों को आवश्यक सलाह दिए जाने के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष भी स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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ज्ञात हो कि आज तक, ये टिड्डी दल राजस्थान के बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, जयपुर जिलों और मध्य प्रदेश के सतना, ग्वालियर, सीधी, राजगढ़, बैतूल, देवास, आगर मालवा जिलों में सक्रिय हैं। पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी भारत भर में विशाल टिड्डी दलों के पहुंचने के बीच, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएसी एंड एफडब्ल्यू) राजस्थान, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे प्रभावित राज्यों में टिड्डियों पर नियंत्रण पाने की कार्रवाइयों में तेजी लाए हैं।

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वर्तमान में 200 टिड्डी सर्कल कार्यालय (एलसीओ) प्रभावित राज्यों के जिला प्रशासन और कृषि फील्‍ड मशीनरी के साथ तालमेल कायम करते हुए सर्वेक्षण और नियंत्रण कार्य कर रहे हैं। राज्य कृषि विभागों और स्थानीय प्रशासन के समन्वय के साथ टिड्डी नियंत्रण का कार्य जोरों पर हैं। अब तक राजस्थान के 21 जिलों, मध्य प्रदेश के 18 जिलों, पंजाब के एक जिले और गुजरात के 2 जिलों में टिड्डी नियंत्रण कार्य किया गया है। अनुसूचित रेगिस्तानी क्षेत्रों से परे टिड्डियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण पाने के लिए, राजस्थान के अजमेर, चित्तौड़गढ़ और दौसा; मध्य प्रदेश के मंदसौर, उज्जैन और शिवपुरी तथा उत्तर प्रदेश के झांसी में अस्थायी नियंत्रण शिविर स्थापित किए गए हैं।

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अब तक (26.05.2020 तक), राजस्थान,पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश में जिला प्रशासन और राज्य कृषि विभाग के साथ समन्वय करते हुए एलसीओ द्वारा कुल 303 स्थानों के 47,308 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डियों पर नियंत्रण पाने की कार्रवाइयां की गई हैं। टिड्डियों पर प्रभावी रूप से नियंत्रण पाने के लिए कीटनाशकों के छिड़काव के लिए 89 दमकल गाडि़यों; 120 सर्वेक्षण वाहनों; छिड़काव करने वाले उपकरणों और 810 ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर युक्‍त 47 नियंत्रण वाहनों को आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग दिनों के दौरान तैनात किया गया।