छत्तीसगढ़ी राजभासा तिहार: मीठ-मीठ अउ गुरतुर भाखा हमर पहचान, जानव छत्तीसगढ़ी ल कइसे बनाए गिस राजभासा | Today 8th Chhattisgarhi Rajbhasa Tihar

छत्तीसगढ़ी राजभासा तिहार: मीठ-मीठ अउ गुरतुर भाखा हमर पहचान, जानव छत्तीसगढ़ी ल कइसे बनाए गिस राजभासा

छत्तीसगढ़ी राजभासा तिहार: मीठ-मीठ अउ गुरतुर भाखा हमर पहचान, जानव छत्तीसगढ़ी ल कइसे बनाए गिस राजभासा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:03 PM IST, Published Date : November 28, 2020/6:24 am IST

रायपुर। माता कौसिल्या के भुइंया छत्तीसगढ़, भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़, जिहां के पुरातन भासा कोसली, जेला आज हमन छत्तीसगढ़ी के नाम ले जानथन, बोलथन, मानथन। इही वो भाखा आए जेमा भगवान राम घलो अपन महतारी ल गोहार पारे रहिस। त आवव वंदन कर लेथन ये माटी के इहां बोहात नदिया-नरवा के, डोंगरी-पहाड़ के जंगल झाड़ी पुरवइया के।

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आज 28 नवंबर आए। हमर महतारी भाखा छत्तीसगढ़ी ल पहिचान मिले के दिन, आजे के दिन बछर 2007 म हमर महतारी भाखा छत्तीसगढ़ी ल संसद म ध्वनीमत ले स्वीकार करे गिस। बछर 2000 म त हमर प्रदेस ल अलग पहिचान मिलगे, फेर हमर भाखा ल पहिचान मिले बर अतेक बेरा काबर लगिस। काबर छत्तीसगढ़िया मन के अंतस म अपन महतारी भाखा बर चिटको मया नइ पलपलइस। अइसे काय रोड़ा रहिस के छत्तीसगढ़ी ल राजभाखा बने म 7 बछर लग गे। फेर येहूं दिन ल लाए बर कम लड़ई लड़े बर नइ परिस। आवव जानथन कइसे बनिस अलग छत्तीसगढ़ म ओखर भासाई पहिचान। छत्तीसगढ़ी ल कइसे बनाए गिस राजभासा। देखव रिपोर्ट ला..

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भूपेश बघेल के सरकार छत्तीसगढ़िया अऊ छत्तीसगढ़ी बर करत हे बुता

छत्तीसगढ़ म भूपेश बघेल के सरकार सरलग छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़िया अऊ छत्तीसगढ़ी बर बुता करत हे, छत्तीसगढ़ी के प्राथमिक सिक्षा के बात रहय या फेर छत्तीसगढ़ी भाखा म राजकाज के बात भूपेश सरकार अगुवा। हे फेर येकर पहिली ही कुछ अऊ लोगन हें जेमन छत्तीसगढ़ी म पढ़ई अऊ छत्तीसगढ़ी भाखा ल बउरे के अँजोर बगराए बर बरत हें। छत्तीसगढ़ महतारी सेवा समिति के लता राठौर अऊ छत्तीसगढ़ी राजभासा मंच के संयोजक नंदकिशोर सुकूल बबा के सफर ल घलो जानबो छत्तीसगढ़ी भाखा बर।

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राजभाखा के पीरा हे के ओला ओखरे बेटा बेटी मन बउरे म काबर लजाथे, काबर ओखर नान्हे लइका अपन मुख म महतारी भाखा ल धरे म संकोच करथे, काबर छत्तीसगढ़ी आज अपन अस्तित्व बर लड़त हे। सुनव छत्तीसगढ़ी के पीरा काय आवाह्न करत हे।

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