हाईकोर्ट का आदेश, कलेक्टर की अनुमति के बावजूद नहीं खरीदी जा सकती आदिवासी की जमीन | Tribal land cannot be purchased even after the permission of the collector

हाईकोर्ट का आदेश, कलेक्टर की अनुमति के बावजूद नहीं खरीदी जा सकती आदिवासी की जमीन

हाईकोर्ट का आदेश, कलेक्टर की अनुमति के बावजूद नहीं खरीदी जा सकती आदिवासी की जमीन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : August 13, 2019/4:03 am IST

बिलासपुर। हाईकोर्ट के अनुसूचित जनजाति की भूमि को लेकर बड़ा आदेश दिया है। कलेक्टर के आदेश के बाद भी अब अनूसूचित जनजाति की भूमि नहीं खरीदी जा सकती। बचेली के जमीन बिक्री को हाईकोर्ट ने शून्य घोषित कर दिया है।

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दंतेवाड़ा जिले के बड़े बचेली में गैर अनुसूचित जनजाति वर्ग के कुछ लोगों ने कलेक्टर से अनुमति प्राप्त कर अनुसूचित जनजाति वर्ग की भूमि को खरीदा था। बस्तर के कमिश्नर ने प्रावधान नहीं होने के कारण कलेक्टर द्वारा दी गई अनुमति को निरस्त कर दिया। इसके खिलाफ खरीदारों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। इसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता के अनुसार नगर पालिक क्षेत्र में कलेक्टर से अनुमति प्राप्त कर अनुसूचित जनजाति वर्ग की जमीन गैर आदिवासी भी खरीद सकते हैं।

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इसलिए खरीदी अवैध नहीं है। हाई कोर्ट ने सुनवाई उपरांत आदेश में कहा कि छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 165 (6), (1) के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र में कलेक्टर से अनुमति प्राप्त होने के बाद भी अनुसूचित जनजाति की जमीन गैर अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति नहीं खरीद सकता है। कोर्ट ने खरीदी बिक्री के लिए हुए व्यवहार को शून्य घोषित किया है।

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