छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संशोधन विधेयक के विरोध में सामने आये आदिवासी विधायक | Tribal MLAs who came out against the Chhattisgarh Land Revenue Amendment Bill

छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संशोधन विधेयक के विरोध में सामने आये आदिवासी विधायक

छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संशोधन विधेयक के विरोध में सामने आये आदिवासी विधायक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : January 5, 2018/11:51 am IST

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के आदिवासी विधायकों ने आज रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष शिशुपाल सोरी, विधायक मोहन मरकाम और संतराम नेताम शामिल हुए। ये तीनों नेता छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संशोधन विधेयक के विरोध में आज मिडिया से रूबरू  हुए थे। इस अवसर पर आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष शिशुपाल सोरी ने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक का कांग्रेस ने पुरजोर विरोध किया था, लेकिन संख्याबल के आधार पर विधेयक पारित हो गया था. लेकिन इसके दुष्परिणाम क्या होंगे, ये चिंता का विषय है.

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शिशुपाल ने कहा कि आदिवासियों के लिए जल, जंगल और जमीन केवल वस्तु नहीं है, बल्कि उनकी संस्कृति का हिस्सा है उन्होंने कहा कि अगर ये तीनों नहीं होंगे, तो आदिवासियों का अस्तित्व भी नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ये सर्वमान्य कानून है.इसके साथ ही आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष शिशुपाल सोरी ने कहा कि जब तक आदिवासी सलाहकार समिति में परामर्श नहीं हो जाता, जब तक संशोधन के गुण-दोषों पर चर्चा नहीं हो जाती, तब तक इस पर कोई फैसला नहीं हो सकता. संविधान में भी इसे प्रतिबंधित किया गया है और यह संविधान में धारा- 144 में निहित है.उन्होंने कहा कि कानून में जो संशोधन किया गया है, उसमें कहा गया है कि सरकार समय-समय पर जो क्रय नियम लाएगी, उस पर आदिवासी क्षेत्रों में धारा 165 (6) लागू नहीं होगी, यही सबसे खतरनाक पहलू है.

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वहीं कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि विधानसभा में इस बिल पर हमने गंभीरता से चर्चा की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि रमन सरकार ने पिछले दरवाजे से उद्योपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए ये बिल लाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मांग की थी कि इस बिल को सलेक्ट कमेटी को भेजा जाए, लेकिन बहुमत के जरिए सरकार ने इस बिल को पारित कर दिया.विधायक मोहन मरकाम ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में जो खनिज-संपदा है, उसे उद्योगपतियों को देने के लिए इस कानून को लाया गया है. उन्होंने कहा कि नगरनार, लोहंडीगुड़ा में प्लांट के लिए हमने भी जमीनें दी थीं, लेकिन क्या हुआ. सरकार ने नौकरी देने का वादा आदिवासियों से किया था.गौरतलब है कि कल सरकार के चार मंत्रियों ने भी भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. सरकार ने कांग्रेस पर आदिवासियों को भ्रमित करने का आरोप  लगाया था, जिसका पलटवार आज कांग्रेस कर रही है.