तीन तलाक पर आज लोकसभा में होगी चर्चा, कांग्रेस-बीजेपी सांसदों को व्हिप जारी | triple talaq bill to be taken up by lok sabha

तीन तलाक पर आज लोकसभा में होगी चर्चा, कांग्रेस-बीजेपी सांसदों को व्हिप जारी

तीन तलाक पर आज लोकसभा में होगी चर्चा, कांग्रेस-बीजेपी सांसदों को व्हिप जारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : December 27, 2018/3:27 am IST

दिल्ली। लोकसभा में आज मोदी सरकार तीन तलाक बिल को पेश करने जा रही है। इस मुद्दे पर संसद में हंगामे के आसार हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है। इस व्हिप में भाजपा ने सभी सांसदों को मौजूद रहने को कहा है। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक पहले लोकसभा में पारित हो गया था, लेकिन राज्यसभा में यह पारित नहीं हो सका।

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जिसके बाद अब तीन तलाक बिल पर एक अध्यादेश लोकसभा में बिल के रूप में आज पेश किया जाएगा। इसलिए भाजपा सांसदों को व्हिप जारी किया गया है। आपको बता दें कि लोकसभा में तीन तलाक पर रोक संबंधी विधेयक पर बहस के लिए सरकार व विपक्ष में सहमति बन गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी तीन तलाक के मामलों को देखते हुए सरकार सख्त प्रावधान वाला अध्यादेश 19 सितंबर को लेकर आई थी। दरअसल, उस समय संसद की कार्यवाही नहीं चल रही थी, इसलिए अध्‍यादेश लाया गया। इन्हीं संशोधनों को स्थायी कानून बनाने के लिए सरकार नए सिरे से विधेयक लेकर आई है।

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आपको बतादें अध्यादेश सितंबर में लाया गया था, जिसके अंतर्गत त्वरित तीन तलाक को भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध माना गया था। मोदी कैबिनेट ने इस बिल में 9 अगस्त को तीन संशोधन किए थे, जिसमें जमानत देने का अधिकार मजिस्ट्रेट के पास होगा और कोर्ट की इजाजत से समझौते का प्रावधन भी होगा।

पहला संशोधन- इसमें पहले का प्रावधान था कि इस मामले में पहले कोई भी केस दर्ज करा सकता था। इतना ही नहीं पुलिस खुद की संज्ञान लेकर मामला दर्ज कर सकती थी। लेकिन अब नया संशोधन ये कहता है कि अब पीड़िता, सगा रिश्तेदार ही केस दर्ज करा सकेगा।

दूसरा संशोधन- इसमें पहले का प्रावधान था कि पहले गैर जमानती अपराध और संज्ञेय अपराध था। पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती थी। लेकिन अब नया संशोधन यह कहता है कि मजिस्ट्रेट को जमानत देने का अधिकार होगा।

तीसरा संशोधन- इसमें पहले का प्रावधान था कि पहले समझौते का कोई प्रावधान नहीं था। लेकिन अब नया संशोधन ये कहता है कि मजिस्ट्रेट के सामने पति-पत्नी में समझौते का विकल्प भी खुला रहेगा।

 
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