आरोपों पर बोले टीएस सिंहदेव ये आरोप बेबुनियाद, हास्यास्पद, झुठे और तथ्यहीन | TS Sinhadev's accusation of accusation is baseless, ridiculous, false and factless

आरोपों पर बोले टीएस सिंहदेव ये आरोप बेबुनियाद, हास्यास्पद, झुठे और तथ्यहीन

आरोपों पर बोले टीएस सिंहदेव ये आरोप बेबुनियाद, हास्यास्पद, झुठे और तथ्यहीन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : June 20, 2017/3:28 pm IST

छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रवक्ता सुब्रत डे के द्वारा नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के उपर लगाए गए आरोपों के जवाब में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने सुब्रत डे पर मानहानि का दावा करने की बात कही है, टीएस ने कहा है कि लगाए गए आरोप बेबुनियाद,हास्यास्पद, झूठे और तथ्यहीन हैं। टीएस सिंहदेव ने कहा है कि जो विज्ञप्ति जारी की गई है सुब्रत डे के द्वारा, उसमें उन्हे सामंती व्यवस्था में जन्मा बताया है, उनको ज्ञान नहीं है कि मेरा जन्म 1952 मे हुआ था और सामंती व्यवस्था 1948 में ही समाप्त हो गई थी, राजाओं ने अपनी रियासत सरकार को सौंप दी थी। 

दूसरी बात शपथ पत्र को लेकर है, यह न्यायालयीन प्रक्रिया नही है, यह कानूनी प्रक्रिया है, अमित जोगी वकील हैं उन्हें पता होना चाहिए…गलत शपथ पत्र पर कार्रवाई करने का भी प्रावधान है। भैयाथान की मीटिंग में मैने कहा था कि अजीत जोगी का एसटी प्रमाण पत्र पेंड्रा तहसील से जारी हुआ था जबकि उस वक्त वो तहसील थी ही नहीं. – अमित जोगी ने अपने शपथ पत्र में लिखा था उनका जन्म बिलासपुर में हुआ था जबकि उनका जन्म मेरी जानकारी के अनुसार अमेरिका में हुआ था, एक साल बाद उन्होंने अपना जन्म बिलासपुर में दिखाया. उन्होने अपने ड्राइविंग लाइसेंस में जो इंदौर से बना है वहां अलग जन्मतिथि दिखाई थी, पासपोर्ट के लिए भी शपथ पुर्व कथन को इस प्रकार पेश करते हैं तो ऐसे लोग के उपर और इनकी बातों के उपर अविश्वास पैदा होगा।

यह वही परिवार है जिसके उपर कार्रवाई हुई, जिस न्यायालय की बात कर रहे हैं उसी के तहत अमित जोगी बेल पर हैं, वो सुनवाई चल रही है जूदेव को टेपकांड में फंसाने की कोशिश की, अंतागढ़ में खरीद फरोख्त की, जिन बिंदुओं पर उन्होंने शपथ पत्र दिया है वो कर पाना संभव नहीं है – एफीडेविट की आड़ में लोगों को झांसा दिया जा रहा है – हास्यास्पद है जो पार्टी छग में काम करने की सोच रही है कि वो कह रहे हैं कि अगस्ता का मामला न्यायालय ने उठाया है, जबकि इसका मामला सीएजी ने उठाया है, जब मैं अध्यक्ष था तो अमित जोगी सदस्य थे, मैने शासन से पूछा था कि आप जवाबदेही तय कीजिए और कार्रवाई तय कीजिए तो ये क्लीन चिट कहां से मिल गई। 

झीरम कांड जैसी मानसिकता के साथ यहां भी गलत बात को फैला रहे हैं। जो आपत्तियां सीएजी ने उठाई थी उसको लेकर मेरी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में केस भी लगाया गया है – पिता पुत्र ने सुप्रीम कोर्ट में भूषण परिवार के दस्तावेजों को अपना बताकर दिखाया था. – उसके एवज में रमन सिंह ने 200 एकड़ तालाब मेरे नाम कर दिया, वो ये भी नहीं जानते कि ये रमन सिंह ने मेरे नाम नहीं किया बल्कि विरासतों के खत्म होने पर भारत सरकार ने मेरे परदादा को ये तालाब निजी संपत्ति के रूप में हस्ताक्षरित एग्रीमेंट के रूप में महाराजा सरगुजा को दिया था जब मैं और रमन सिंह पैदा भी नहीं हुए थे। ये लोग तथ्यहीन बातों को लोगों के बीच में ले जाकर भ्रम पैदा कर रहे हैं. ये वही लोग हैं जिनके नाम ना जाने किन किन संगीन मामलों से जुड़े हुए हैं…. इनके नाम विधायकों के दल बदल से जुडे हुए हैं….ना जाने कितने इनके विवाद हैं….. – मैने जिन बातों को देखा है मैं कानूनी सलाह लेकर प्रवक्ता के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करूंगा।