टीकाकरण ब्रम्हास्त्र है इसके लिये लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता : राज्यपाल उइके, आदिवासी समाज प्रमुखों से की सहयोग की अपील | Vaccination is Brahmastra, for this people need to be made aware: Governor Uike Appeal for cooperation from tribal society chiefs

टीकाकरण ब्रम्हास्त्र है इसके लिये लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता : राज्यपाल उइके, आदिवासी समाज प्रमुखों से की सहयोग की अपील

टीकाकरण ब्रम्हास्त्र है इसके लिये लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता : राज्यपाल उइके, आदिवासी समाज प्रमुखों से की सहयोग की अपील

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : May 3, 2021/3:05 pm IST

रायपुर। राज्यपाल अनुसुइया उइके ने आज आदिवासी समाज के प्रमुखों के साथ आयोजित वर्चुअल बैठक में वैश्विक महामारी का रूप ले चुकी कोरोना संक्रमण की स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश के आदिवासी समाज प्रमुखों से सहयोग की अपील की है।

उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश एवं देश में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है जिसकी वजह से संसाधनों की कमी के साथ ही साथ आर्थिक गतिविधियॉं भी प्रभावित हो रही हैं और आमजनों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कोरोना महामारी के संक्रमण से निपटने के लिये सभी की भागीदारी अत्यन्त आवश्यक है। आज महामारी से बचने के लिये प्रदेश एवं देश के सभी नागरिकों को एकजुट होकर अपने कर्तव्यों को निभाना है तभी हम इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।

Read More: चुनाव खत्म होते ही लॉकडाउन की ओर बढ़ने लगा देश ? कई राज्यों ने की घोषणा

राज्यपाल उइके ने कहा कि हम कोविड से बहुत अधिक भयभीत हो गये हैं जिसकी वजह से अवसाद की स्थिति निर्मित होती है और व्यक्ति गंभीर रूप से पीड़ित हो जाता है। मेरा ऐसा मानना है कि कोविड से भयभीत न हों मुकाबला करें और आत्मबल एवं संयम रखें। सकारात्मक भाव रखें, अपने लिये, अपने परिवार, पड़ोसियों, मित्रों के लिये, प्रदेश एवं देश के लिये अच्छा सोचें, अपने ईश्वर पर भरोसा रखें वह जो भी करेगें वह हमारे अच्छे के लिये ही होगा। राज्यपाल उइके ने कहा कि हमने महामारी को हल्के रूप में लेकर कोविड प्रोटोकाल, कोविड बिहेवियर जो कि समय समय पर चिकित्सा विज्ञानियों के परामर्श से सरकार द्वारा जारी किए गए हैं, उनका पालन करना छोड़ दिया था जिसके परिणामस्वरूप आज यह भयावह स्थिति आ गई है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों, मनौवैज्ञानिकों, अध्यात्मिक गुरूओं, शासन द्वारा बताए जा रहे उपायों का पालन करें। हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति, योग, व्यायाम, आहार, विहार, दिनचर्या का पालन करें तो निश्चित रूप से हम इस महामारी से मुक्ति पा सकते हैं।

राज्यपाल उइके ने कहा कि अच्छी बात यह है कि संक्रमण से बचने के लिये टीकाकरण प्रारंभ हो चुका है किन्तु टीकाकरण के प्रति जागरूकता का अभाव है। टीकाकरण ब्रम्हास्त्र है इसके लिये लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। वर्तमान परिस्थितियों में “दो गज दूरी मास्क है जरूरी” एवं “दवाई भी और कड़ाई भी” का नारा कारगर साबित हो सकता है। इस समय टीकाकरण प्रारंभ हो चुका है और देश में दो वैक्सीन लगाई जा रही है वे हैं कोविशील्ड और कोवैक्सीन। ये दोनो ही वैक्सीन सुरक्षित है। वैक्सीन हमारे शरीर को किसी बीमारी, वायरस या संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करते है। ये शरीर के इम्युन सिस्टम को वायरस की पहचान करने के लिए प्रेरित करती है और उनके खिलाफ एंटीबॉडी बनाते है, जो बाहरी हमले से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करते है। कोविड वैक्सीनेशन न सिर्फ कोविड-19 से आपको सुरक्षा देती है अपितु दूसरों को भी सुरक्षित करती है। यह टीकाकरण इस कोरोना महामारी से बाहर निकलने का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। मेरी अपील है कि अफवाह पर ध्यान न देकर अपने विवेक का परिचय देते हुए वैक्सीनेसन जरूर करवाएं एवं अपने देश को इस महामारी से बाहर निकालने में एक जिम्मेदार युवा नागरिक के रूप में अपनी भूमिका का निर्वाह करें।

Read More: केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत की बेटी योगिता का निधन, कोरोना होने के बाद चल रहा था इलाज, हार्ट अटैक से हुआ निधन

राज्यपाल ने कहा कि कुछ ही समय में परिस्थति बदलेगी और सबकुछ ठीक होगा। जनजातीय समाज सदैव से प्रकृति पूजक रहा है। उसके आराध्य देव प्रकृति, वनस्पति, पेड़ पौधे रहे हैं, पशु पक्षी रहे हैं। उसने सदैव प्रकृति की रक्षा की है। वनों से हमें प्राणवायु मिलती है और आज इस प्राणवायु का कितना महत्व हैं हम इस कोराना महामारी के संक्रमण से भली भांति समझ रहे हैं। उन्होंने सभी समाज प्रमुखों से कहा कि आप सभी सक्षम और शिक्षित हैं आप का सामाजिक दायित्व है कि आप अपने सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले सीधे साधे, भोले भाले वनवासी भाईयों को एकजुट होकर सभी प्रकार से जागरूक करें, उनकी हर संभव सहायता करें तभी हमारे संगठन और संगठित होने का औचित्य होगा। शिक्षित होने के नाते आपसभी का यह भी दायित्व है कि आप उनकी समस्याओं से प्रशासन, शासन को अवगत करावें और उनकी यथासंभव इलाज में, भोजन उपलब्ध करानें, आवश्यकतानुसार रोजगार दिलाने, शासकीय योजनाओं में सहायता दिलाने में मदद करें।

उन्होंने आदिवासियों और वनवासियों की सेहत और सुरक्षा के लिए एक जुुट होकर मदद करने तथा इस बीमारी की रोकथाम के लिए सुझायें गए विभिन्न उपायों पर अमल करने को भी कहा। उन्होंने शरीर की इम्युनिटी शक्ति बढाने के लिए हल्दी-दूध पीने, गिलोय का उपयोग, फिटकरी पानी, निंबू आदि का उपयोग करने को कहा। साथ ही उन्होंने समाज प्रमुखों से सामाजिक उत्थान के लिए आर्थिक सहायता हेतु पत्र लिखने को कहा। राज्यपाल ने समाजिक मदद के लिए व्यक्तिगत सहयोग देने की भी बात कही।

Read More: थाने में कोरोना ब्लास्ट! 9 पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव, इधर रायपुर में SP ऑफिस में पदस्थ ASI की मौत

वर्चुअल बैठक में अरविंद नेताम, पूर्व मंत्री संरक्षक, सर्व आदिवासी समाज, नंदकुमार साय पूर्व अध्यक्ष संरक्षक, सर्व आदिवासी समाज, सोहन पोटाई प्रदेश अध्यक्ष, सर्व आदिवासी समाज, नवलसिंह मंडावी प्रदेश महासचिव, सर्व आदिवासी समाज, सविता साय प्रदेश अध्यक्ष, महिला प्रभाग, आर.एन. ध्रुव प्रदेश अध्यक्ष, अजजा शा.से.वि.संघ, सुभाष परते एवं प्रदेश अध्यक्ष युवा प्रभाग सहित विभिन्न समाजों के सदस्य एवं पदाधिकारीगण जुड़े थे।