नई दिल्ली। भारतीय बैंकों से लोन लेकर फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या को पीएमएलए कोर्ट ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है। विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर कोर्ट का फैसला आने के बाद माल्या नए कानून के तहत देश का पहला आर्थिक भगोड़ा बन गया। कोर्ट ने फैसला अपने पास सुरक्षित रखा था।
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इस कानून में जांच एजेंसियों को एफईओए के तहत दर्ज अपराधी की सारी संपत्तियां जब्त करने का अधिकार है। अब कर्नाटक, इंग्लैंड और अन्य जगहों की विजय माल्या से जुड़ी संपत्तियां ईडी कुर्क कर सकता है। इस कानून के दायरे में जांच एजेंसियां विजय माल्या की सभी प्रॉपर्टी जब्त कर सकती हैं। ये प्रॉपर्टी चाहे अपराध क्षेत्र के अंदर हों या बाहर, उससे फर्क नहीं पड़ता। आर्थिक भगोड़ा घोषित होने पर माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने में भी मदद मिलेगी। स्पेशल कोर्ट माल्या की सभी अर्जियां पहले ही खारिज कर चुका है।
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आपको बतादें माल्या ने पीएमएलए कोर्ट में दलील दी थी कि वह भगोड़ा अपराधी नहीं है और न ही मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल है। इससे पहले विजय माल्या ने दिसंबर महीने में आग्रह किया था कि उसे आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के जरिये शुरू की गई कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने माल्या की इस अर्जी को खारिज कर दिया था।
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