इंदौर । लोकसभा चुनाव में होने में एक महीना ही बचा है, ऐसे में एक बार फिर जिला प्रशासन चुनाव कराने की तैयारियों में जुट गया है। प्रदेश की आर्थिक और व्यावसायिक राजधानी इंदौर में जिला प्रशासन ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने कमरकस ली है। लोकसभा चुनाव में मतदाता को जागरूक करने और अधिक से अधिक मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए प्रशासन द्वारा चुनावी पाठशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। चुनाव पाठशाला में बीएलओ शिक्षक बनकर मतदाताओ को आदर्श आचार संहिता के साथ ही ईवीएम एवं वीवीपेट मशीनों की जानकारी प्रदान करेंगे।
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इंदौर शहर में सबसे ज्यादा ध्यान विधानसभा चुनाव में हुए कम मतदान किये गए इलाकों पर रहेगा। हालांकि ग्राम पंचायत स्तर पर इसको व्यापक रूप देने की तैयारी की गई है। ग्राम पंचायत का बीएलओ, ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, आशा सहयोगिनी को जिम्मेदारी दी गई है। इंदौर में विधानसभा चुनाव में वोटिंग परसेंट 65 प्रतिशत रहा था, ऐसे में प्रशासन वोटिंग परसेंट को बढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
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देश के लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए खास फोकस गांव में रहने वाले मतदाताओं को लेकर होगा। आम मतदाता को ईवीएम और वीवीपेट की कार्यप्रणाली को प्रत्यक्ष रूप से जानने और डेमो के माध्यम से जानकारी साझा की जाएगी। इस बार क्षेत्र की सभी कॉलोनियों और सोसायटियों में मतदान जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करके भी प्रशासन लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करेगा। बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रशासन ने नगर निगम के कूड़ा कलेक्शन वाले वाहनों पर मतदान जागरूकता से संबंधित संदेश वाले गाने बजाने के साथ ही पोस्टर,होडिंग और कॉलेज-स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाया था।