हॉस्टल में 11 वीं की छात्रा की डिलेवरी मामले में फरार वार्डन सस्पेंड, डिप्टी कलेक्टर करेंगी मामले की जांच | Warden suspended in the hostel delivery case of 11th student Deputy Collector will investigate the matter

हॉस्टल में 11 वीं की छात्रा की डिलेवरी मामले में फरार वार्डन सस्पेंड, डिप्टी कलेक्टर करेंगी मामले की जांच

हॉस्टल में 11 वीं की छात्रा की डिलेवरी मामले में फरार वार्डन सस्पेंड, डिप्टी कलेक्टर करेंगी मामले की जांच

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : January 18, 2020/2:42 pm IST

दंतेवाड़ा। जिले के एक कन्या छात्रावास की छात्रा ने एक बच्चे को जन्म दिया है। मामला सामने आने के बाद सनसनी फैल गयी है। पहले तो मामला सामने आने के बाद इसे दबाने की पुरजोर कोशिश की गयी लेकिन अब प्रशासन ने इस मामले में चुप्पी तोड़ी है। इधर मामला सामने आने के बाद वार्डन को सस्पेंड कर दिया गया है और जांच की जा रही है।

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दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय में संचालित कन्या शिक्षा परिसर पातररास की 11 वीं कक्षा की एक छात्रा गर्भवती हो गयी। शुक्रवार को तड़के लेबर पेन की वजह से इसे जिला अस्पताल लाया गया लेकिन इससे पहले ही इसने हॉस्टल में ही एक बच्चे को जन्म दिया, बच्चे की तत्काल ही मौत हो गयी। छात्रा की हालत बिगड़ने से आनन- फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया। जहां से छात्रा को उसके परिजनों के साथ उसके घर भी भिजवा दिया है, ताकि मामला उजागर न हो सके। इधर मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। आश्रम वार्डन हेमलता नाग पर कार्रवाई करते हुये सस्पेंड कर दिया है। उनके खिलाफ जांच की जा रही है। डिप्टी कलेक्टर प्रीति दुर्गम और दंतेवाड़ा तहसीलदार यशोदा केतारप मामले की जांच कर कलेक्टर को जांच रिपोर्ट सौंपेगी। इधर अधीक्षिका घटना के बाद से फरार हैं। हास्टल की चपरासी ने सारे घटनाक्रम की जानकारी दी।

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हॉस्टल कर्मचारी जब गर्भवती छात्रा को अस्पताल लेकर पहुंचे तो वार्डन ने छात्रा का फर्जी पता बताते उसे बैंक चौक की निवासी बताया। डॉक्टर ने बताया कि छात्रा और उसके बच्चे को अस्पताल लाया गया था, लेकिन जन्म के तुरंत बाद बच्चे की मौत हो गयी थी। अस्पताल में भी गलत जानकारी देकर आश्रम प्रबंधन इलाज करवा था। शनिवार को जब जांच टीम पहुंची तब पता चला। इसके बाद टीम जिला अस्पताल भी पहुंची थी और डॉक्टर से इस मामले में जानकारी भी ली।

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जिस आश्रम में यह घटना हुई है, वहां 300 से ज्यादा बच्चे रहकर पढ़ते है। और 14 कर्मचारियों का स्टॉफ है। स्कूल के स्टाफ कर्मियों का कहना है कि बच्ची का प्रसव बाथरूम में हुआ और बच्चा पैदा होते ही निधन हो गया । घटना के बाद नवजात को जिला अस्पताल भी ले जाया गया। जिसके बाद स्कूल हॉस्टल प्रबंधन ने ही परिजनों को बुलाकर छात्रा को उसके घर भिजवा दिया गया। अस्पताल में इलाज के दौरान छात्रा को विवाहित बताकर आश्रम प्रबंधन ने इलाज कराने की कोशिश की। इस घटना ने हॉस्टल प्रबंधन के साथ ही प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।