देखिए इंदौर-2 के विधायकजी का रिपोर्ट कार्ड, क्या कहता है जनता का मूड मीटर | Watch Video :

देखिए इंदौर-2 के विधायकजी का रिपोर्ट कार्ड, क्या कहता है जनता का मूड मीटर

देखिए इंदौर-2 के विधायकजी का रिपोर्ट कार्ड, क्या कहता है जनता का मूड मीटर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : October 8, 2018/2:25 pm IST

इंदौर। विधायकजी के रिपोर्ट कार्ड में आज बारी है मध्य प्रदेश के इंदौर विधानसभा क्रमांक 2 की। ये विधानसभा सीट मध्यप्रदेश का वो अहम सियासी केंद्र है जहां बदलते मध्यप्रदेश की पूरी तस्वीर देखी जा सकती हैसियासी तौर पर भी यहां के समीकरण लगातार बदलते रहे हैं। फिलहाल बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार रमेश मेंदोला यहां से विधायक हैं और इस समय अपनी जीत की हैट्रिक की तैयारी में जुटे हैंलेकिन कांग्रेस भी उनकी तगड़ी घेराबंदी में लगी हैवो बीजेपी विधायक के व्यवहार और कार्यकाल को मुद्दा बनाकर जनता के बीच पहुंच रही है।

कहने को तो इंदौर क्रमांक-2 को नया इंदौर कहा जाता है, जिसकी गिनती अच्छे और व्यवस्थित शहरों में होती हैलेकिन पर्दे के पीछे की हकीकत क्या हैआप यहां की जनता की बातों से बेहतर समझ सकते हैंआज भी यहां पानी, सड़क, सीवरेज जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए लोग तरस रहे हैंसीट पर पिछले 10 साल से बीजेपी के रमेश मेंदोला विधायक हैंऐसे में लोगों में सबसे ज्यादा गुस्सा बीजेपी विधायक को लेकर ही है।

 

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विधायक की गैरमौजूदगी के अलावा इंदौर क्रमांक 2 में दूसरे मुद्दों की बात करें तो यहां पानी की समस्या सबसे बड़ा मुद्दा हैदरअसल विधानसभा की 20 से ज्यादा बस्तियों सहित कई पॉश कॉलोनियों में पानी की किल्लत से लोग परेशान रहते हैं इसकी एक वजह नर्मदा पेयजल लाइन का अब तक नहीं बिछना भी हैइस इलाके में बुनियादी समस्याओं को साथ ही गुंडागर्दी, अवैध वसूली और शराबखोरी भी बड़ी समस्या हैपरदेशीपुरा क्षेत्र में कई जगह अवैध शराब बेचने के अड्डे बन चुके हैं आए दिन शहर में लड़कियों के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटना भी यहां बड़ा मुद्दा हैइसके अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी बेहद खराब हैचुनाव नजदीक है तो इन मुद्दों को लेकर अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी जोर पकड़ने लगे हैं।

जाहिर है इंदौर के इस विधानसभा क्षेत्र में मुद्दों और समस्याओँ की कोई कमी नहीं हैलेकिन जब इन समस्याओं को लेकर IBC24 टीम ने बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला से बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे पर आने के लिए मना कर दियाविधायकजी भले हमारे सवालों से दूरी बना लें, लेकिन आने वाले चुनाव में जनता के सवालों का जवाब देना ही होगाक्योंकि क्षेत्र की जनता ही उन्हें विधानसभा तक पहुंचाएगी।

सीट के सियासी मिजाज की बात करें तो कभी ये इलाका कम्युनिस्ट और कांग्रेस पार्टी का गढ़ हुआ करता थालेकिन 1993 के बाद से यहां बीजेपी का दबदबा हैकैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में बीजेपी ने इसे  मजबूत किले में तब्दील कर दिया है, जिसे भेदने में कांग्रेस पिछले पांच चुनाव से नाकाम रही हैलेकिन कांग्रेस इस बार बीजेपी को मात देने के लिए पूरी तरह से तैयार दिख रही हैकुल मिलाकर आने वाले चुनाव में इंदौर विधानसभा-2 में सियासत के कई दांव पेंच देखने को मिल सकते हैं

ये रैलियां और सभाएं बताती हैं कि इंदौर क्रमांक विधानसभा क्षेत्र में सियासी हलचल तेज हो चली है कांग्रेस हो या बीजेपी यहां एक्टिव मोड में नजर आ गई हैवैसे तो इंदौर क्रमांक-2 विधानसभा सीट पर  बीजेपी का दबदबा रहा है और वर्तमान में बीजेपी के रमेश मेंदोला यहां से विधायक हैं लेकिन कांग्रेस इस बार बीजेपी विधायक के कार्यकाल को मुद्दा बनाकर उन्हें आने वाले चुनाव में घेरने के फिराक में हैहालांकि कांग्रेस के पास इस सीट पर फिलहाल कोई दमदार उम्मीदवार नजर नहीं आता जो बीजेपी विधायक को कड़ी टक्कर दे सके।

वैसे सीट के सियासी इतिहास की बात की जाए तो सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर 1993 से लेकर अब तक लगातार चार बार विधानसभा चुनाव जीत चुकी है। एक समय था जब ये क्षेत्र कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों की राजनीति का गढ़ मानी जाती थी। इसके अलावा वामपंथी दलों का भी प्रभाव इस क्षेत्र में काफी रहा है। बीजेपी के सुरेश सेठ और कन्हैया लाल यादव यहां से 2 बार चुनाव हार चुके हैंलेकिन बीजेपी के वर्तमान राष्ट्रीय महसचिव कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में पार्टी ने यहां पहली बार जीत हासिल की और उसके बाद अब तक हार का मुंह नहीं देखा । वर्तमान विधायक रमेश मेंदोला यहां से 2008 से लगातार दो बार चुनावी जीत चुके हैं। 2008 के विधानसभा चुनाव में रमेश मेंदोला ने कांग्रेस के सुरेश सेठ को हरायाइसके बाद 2013 के चुनाव में भी बीजेपी ने उनपर भरोसा जताते हुए उनको फिर से टिकट दियापार्टी के भरोसे पर खरा उतरते हुए रमेश मेंदोला ने कांग्रेस प्रत्याशी छोटू शुक्ला को 91 हजार 17 वोटों के बड़े अंतर से शिकस्त दीइस चुनाव में बीजेपी को जहां 1 लाख 33 हजार 669 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस के खाते में 42 हजार 652 वोट आए।

2 लाख 84 हजार 660 मतदाता वाले इंदौर क्रमांक-2 में जाति समीकरण की बात करें तो यहां दलित वर्ग बड़ी संख्या में हैं, जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं वहीं वाल्मिकी, वैश्य और ब्राह्मण समाज भी बराबर संख्या में हैं जो नेताओं के भविष्य का फैसला करते हैं। सियासी गतिविधियों की बात की जाए इंदौर-2 में टिकट के दावेदारों की होड़ शुरू हो गई हैवैसे तो बीजेपी विधायक रमेश मेंदोला यहां से पार्टी के स्वभाविक दावेदार हैंलेकिन इस बार कांग्रेस ने तो उन्हें घेरने की पूरी तैयारी कर ही ली हैहालांकि दावेदारों के मामले में कांग्रेस की फेहरिस्त कुछ ज्यादा ही लंबी हो रही हैऐसे में पार्टी के सामने पहली चुनौती यही है कि वो सही कैंडिडेट पर दांव लगाए।

मध्यप्रदेश में मिशन 2018 की जंग के लिए चुनावी शंखनाद हो गया हैइसके साथ ही इंदौर क्रमांक-2 में भी नेताओं में टिकट के लिए रेस शुरू हो गई हैबीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही दलों में नेता सक्रिय होकर अपनी दावेदारी ठोंक रहे हैंसत्ताधारी बीजेपी की बात करें तो सीटिंग एमएलए होने के नाते रमेश मेंदोला का दावा एक बार फिर मजबूत है और सबकुछ ठीक ठाक रहा तो उन्हें एक बार फिर टिकट मिलना तय माना जा रहा हैवहीं दूसरी ओर कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वह रमेश मेंदोला के मुकाबले कोई दमदार चेहरा उतारेइस लिस्ट में कांग्रेस के बाहुबली नेता मोहनसिंह सेंगर का नाम सबसे ऊपर हैसेंगर को पिछले चुनाव में भी कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया थालेकिन राजनीतिक उलटफेर के चलते उनका टिकट काटकर छोटू शुक्ला को दिया गया, जिन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा हालांकि इस बार मोहन सिंह सेंगर पिछले चुनाव के मुकाबले ज्यादा सक्रिय हैं और कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्र का दौरा भी शुरू कर दिया है। सेंगर के मुताबिक अगर पार्टी इस बार उन्हें मौका देती है तो वो जीतकर विधानसभा पहुंचेंगे।

 

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इंदौर विधानसभा-2 में कांग्रेस के टिकट दावेदारो में सेंगर का पलड़ा भारी दिख रहा है लेकिन उन्हे पार्षद चिंटू चौकसे से कड़ी चुनौती मिल रही हैदिग्गी गुट से आने वाले चिंटू क्षेत्र में अच्छी पकड़ है और वो भी टिकट के लिए दावेदारी करा रहे हैं। कुल मिलाकर एक बार फिर इंदौर-2 की सियासत में चुनावी घमासान की तैयारी है और यहां से राजनीतिक गलियारों में एक ही सवाल गूंज रहा है क्या इस बार कांग्रेस अपने इस गढ़ को हासिल करने में कामयाब होगी या फिर बीजेपी विधायक हैट्रिक लगाने में सफल होंगे।

वेब डेस्क, IBC24

 
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