लंदन। द ग्रेट ब्रिटेन अब यूरोपियन यूनियन से अलग होना चाहता है। यूरोपियन यूनियन से अलग होने को लेकर ब्रिटेन की संसद और आम जनता दो हिस्सों में बट गई है। यूरोपीय संसद भी ब्रेग्जिट के मसले पर निर्णय लेने में असमर्थ नजर आ रही है। वहीं ब्रेग्जिट को लेकर दुनियाभर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जारी है। द ग्रेट ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन में रहेगा या नहीं इसको लेकर पूरी दुनिया में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अब फिलहाल ब्रिटेन की संसद को तय करना है कि वो यूरोपियन यूनियन में रहना चाहती है या नहीं।
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द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के पांच साल बाद, फ्रांस और जर्मनी यह सुनिश्चित करने के लिए एक योजना के साथ आए कि दोनों देश फिर से एक दूसरे के खिलाफ युद्ध में नहीं जाएंगे। परिणाम स्वरूप छह राष्ट्रों ने वर्ष 1950 में एक डील पर हस्ताक्षर किए। सात साल बाद रोम में एक संधि पर हस्ताक्षरित हुए जिसके परिणाम स्वरुप यूरोपीय आर्थिक समुदाय बनाया गया।
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यूरोपियन यूनियन में शामिल देशों में तेजी से विस्तार हुआ है। इसमें छह सदस्यों से 28 देशों तक का विस्तार हुआ है। बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, लग्जमबर्ग और नीदरलैंड ने शुरुआती तौर पर ईईसी में हस्ताक्षर किए थे और इनके लिए वर्ष 1957 में एकल बाजार था। ब्रिटेन, आयरलैंड और डेनमार्क इस समूह से वर्ष 1973 में जुड़े। इसके बाद वर्ष 1981 में ग्रीस और पुर्तगाल जुड़े। इसके ठीक पांच वर्ष बाद स्पेन इससे जुड़ा। पूर्वी जर्मनी एकीकरण के बाद शामिल हुआ और 1995 में ऑस्ट्रिया, फिनलैंड और स्वीडन यूरोपीय संघ का हिस्सा बन गए। वर्ष 2004 में सबसे बड़ा इज़ाफ़ा तब हुआ जब 10 नए सदस्य देश इसमें शामिल हुए। रोमानिया और बुल्गारिया 2007 में शामिल हुए और क्रोएशिया 2013 में इससे जुड़ने वाला नवीनतम राष्ट्र था।
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