धारा 370 और 35 A के विरोध की क्या थी मूल वजह? जिससे लेना पड़ा इतना बड़ा फैसला | What was the main reason for the opposition of Article 370 and 35A? So big decision has to be taken from

धारा 370 और 35 A के विरोध की क्या थी मूल वजह? जिससे लेना पड़ा इतना बड़ा फैसला

धारा 370 और 35 A के विरोध की क्या थी मूल वजह? जिससे लेना पड़ा इतना बड़ा फैसला

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : August 5, 2019/8:49 am IST

रायपुर। राज्यसभा में आज जिस धारा 370 को जम्मू कश्मीर से हटाने का संकल्प पेश किया गया आखिर उसमें ऐसा क्या है जिसके कारण इतना हंगामा हो रहा है ? यह प्रश्न आपके मन में जरूर आ रहा होगा तो आइए हम यह जानने का प्रयास करते हैं कि धारा 370 क्या है? और इसके हटने के बाद क्या होगा। और इसके विवाद की वजह क्या है।

read more : पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कहा- आज करोड़ों भारतीयों का सपना पूरा हुआ, जानिए और भी…

दरअसल जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा ने 27 मई, 1949 को कुछ बदलाव सहित आर्टिकल 306ए (अब आर्टिकल 370) को स्वीकार कर लिया। फिर 17 अक्टूबर, 1949 को यह आर्टिकल भारतीय संविधान का हिस्सा बन गया। धारा 370 के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता, झंडा भी अलग है। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रध्वज या राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान अपराध नहीं होता है। देश के सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेश जम्मू-कश्मीर में मान्य नहीं होते हैं। संसद जम्मू-कश्मीर को लेकर सीमित क्षेत्र में ही कानून बना सकती है।

read more : धारा 370 पर कैलाश विजयवर्गीय का बयान, एक पीएम ने की थी गलती दूसरे पीएम ने सुधारा

रक्षा, विदेश, संचार छोड़कर केंद्र सरकार के नियम कानून जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होते थे। केंद्र का कानून लागू करने के लिये जम्मू-कश्मीर विधानसभा से सहमति ज़रूरी होती थी। वित्तीय आपातकाल के लिए संविधान की धारा 360 जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होती थी। धारा 356 लागू नहीं, राष्ट्रपति राज्य का संविधान बर्खास्त नहीं कर सकते थे। कश्मीर में हिन्दू-सिख अल्पसंख्यकों को 16% आरक्षण नहीं मिलता था। जम्मू कश्मीर में 1976 का शहरी भूमि कानून लागू नहीं होता था। धारा 370 की वजह से कश्मीर में RTI और RTE लागू नहीं होता था। जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का कार्यकाल 5 वर्ष की जगह 6 वर्ष होता था।

read more : जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद शुरू हुई पाकिस्तानी मीडिया की रूदाली, देखिए

धारा 370 पर विवाद के यही कारण भी थे जिन्हे देश के लोग स्वीकार नही कर पा रहे थे और इनके कारण ही विवाद की स्थिति बनती थी। अब बात करते हैं 35 ए की। अनुच्छेद 35A क्या है? 35A राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 14 मई 1954 को लागू किया। उस समय की सरकार ने धारा 370 की ताकत इस्तेमाल की थी। जम्मू कश्मीर में लागू अनुच्छेद 35A, धारा 370 का हिस्सा है। राष्ट्रपति से पास होने के बाद संविधान में इसे जोड़ा गया था। जम्मू कश्मीर में बाहरी राज्यों के लोग संपत्ति नहीं खरीद सकते थे। 14 मई 1954 को राज्य में रहने वाले लोग ही वहां के नागरिक माने गए। 1954 से 10 साल पहले से रहने वाले लोगों को नागरिक माना गया। इसके अलावा J&K की लड़की के बाहरी से शादी करने पर राज्‍य की नागरिकता से जुड़े अधिकार खत्म हो जाते हैं। शादी करने पर लड़की के बच्चों के भी जम्‍मू-कश्‍मीर में अधिकार नहीं माने जाते थे।

read more : अनुच्छेद 370 हटने पर महबूबा मुफ्ती ने कहा- ‘भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन’

अब बात करते है कि आखिर 35A हटाने की मांग क्यों जोर पकड़ती गई? इसका पहला कारण यह था कि इस अनुच्छेद को संसद के जरिए लागू नहीं किया गया था। इसकी वजह से शरणार्थी अधिकार से वंचित थे। पाकिस्तान के शरणार्थियों को जम्मू कश्मीर की नागरिकता नहीं है। जिनमें 80 प्रतिशत लोग पिछड़े और दलित हिंदू समुदाय के हैं। जम्मू कश्मीर में शादी करने वाली महिलाओं से भेदभाव होता था। भारतीय नागरिकों के साथ जम्मू कश्मीर में भेदभाव होता है।इस राज्य में नागरिकों को संविधान से मिले अधिकार खत्म हो जाते थे। खास बात यह है ​कि संविधान सभा से संसद की कार्यवाही तक कही इस बिल का जिक्र नहीं है और अनुच्छेद 35A के लिए संविधान संशोधन लाने का भी जिक्र नहीं है।

<iframe width=”658″ height=”370″ src=”https://www.youtube.com/embed/tVLNZoJgzko” frameborder=”0″ allow=”accelerometer; autoplay; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture” allowfullscreen></iframe>

 

 
Flowers