WHO की शीर्ष वैज्ञानिक का दावा, 2022 से पहले मुश्किल है कोरोना से मुक्ति | WHO claims top scientist Freedom from Corona is difficult before 2022

WHO की शीर्ष वैज्ञानिक का दावा, 2022 से पहले मुश्किल है कोरोना से मुक्ति

WHO की शीर्ष वैज्ञानिक का दावा, 2022 से पहले मुश्किल है कोरोना से मुक्ति

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : September 16, 2020/12:16 pm IST

संयुक्त राष्ट्र । कोरोना वायरस महामारी लगातार पैर पसारती जा रही है। हर प्रभावित देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर बैचेनी बढ़ती जा रही है। इसी बीच WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की शीर्ष वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने बड़ा बयान दिया है। स्वामीनाथन ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि सामान्य जीवन में लौटने के लिए 2022 से पहले पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन का मिलना बेहद कठिन है।

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सौम्या स्वामीनाथन ने कहा, ‘WHO की कोवैक्स पहल के तहत आय के अलग-अलग स्तर वाले देशों में न्याय संगत रूप से वैक्सीन पहुंचाने का काम किया जाएगा। इसके लिए अगले साल के मध्य तक करोड़ों डोज तैयार करने होंगे। इसका मतलब हुआ है कि इससे जुड़े सभी 170 देशों या अर्थव्यवस्थाओं को कुछ ना कुछ जरूर मिलेगा.’।

स्वामीनाथन ने कहा कि जब तक वैक्सीन का उत्पादन नहीं बढ़ जाता है, तब तक मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत को बदलने के लिए बहुत कम संख्या में ही वैक्सीन उपलब्ध होंगे, 2021 के अंत तक वैक्सीन के दो अरब वैक्सीन हासिल करने का लक्ष्य रखा जाएगा।

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स्वामीनाथन ने कहा कि लोगों को ऐसा लग रहा है कि अगले साल जनवरी में पूरी दुनिया को वैक्सीन मिल जाएगी और वे फिर से एक सामान्य जिंदगी में लौट जाएंगे, वास्तव में ऐसा नहीं होता है। 2021 के मध्य में हम वैक्सीन रोलआउट का सही मूल्यांकन कर पाएंगे, क्योंकि 2021 की शुरुआत में तो आप इन वैक्सीन के नतीजों को देखना शुरू करेंगे।

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स्वामीनाथन ने कहा, ‘सभी परीक्षण जो चल रहे हैं, उनमें ज्यादा नहीं तो कम से कम 12 महीने का वक्त तो लगेगा, ये वो समय होगा जब आप देखेंगे कि पहले कुछ सप्ताह में वैक्सीन के कोई साइडइफेक्ट तो नहीं हैं.’, चूंकि ये एक महामारी है, इसलिए कई रेगुलेटर इमरजेंसी यूज की लिस्ट बनाना चाहेंगे, लेकिन इसके लिए भी मानदंड तय किए जाने जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ वैक्सीन के प्रभाव को देखना चाहते हैं, जबकि मुझे लगता है कि लोगों के लिए सुरक्षा ज्यादा महत्वपूर्ण है, उन्होंने बताया कि अमेरिका का FDA (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) बहुत जल्दी वैक्सीन के इमरजेंसी यूज की गाइडलाइन जारी करेगा।

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स्वामीनाथन ने चीन और अमेरिका किए जा रहे वैक्सीन के परीक्षण पर कहा नेशनल रेगुलेटर्स को अपने सीमाओं में ऐसा करने का अधिकार है, हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि रेगुलेटर्स को डेटा के लिए कंपनियों को डेडलाइन देनी चाहिए। यदि ट्रायल के आखिरी चरण में जरूरी शर्तों को पूरा नहीं किया गया है तो इमरजेंसी लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।

 
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