बीजेपी के गढ़ में कौन देगा पंकज संघवी को टक्कर? प्रत्याशी का इंतजार अब भी बांकि है... | Who will Pankaj Sanghvi collide in BJP's stronghold? Waiting for the candidate is still waiting ...

बीजेपी के गढ़ में कौन देगा पंकज संघवी को टक्कर? प्रत्याशी का इंतजार अब भी बांकि है…

बीजेपी के गढ़ में कौन देगा पंकज संघवी को टक्कर? प्रत्याशी का इंतजार अब भी बांकि है...

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : April 18, 2019/5:39 am IST

इंदौर। कांग्रेस ने इंदौर लोकसभा सीट से पंकज संघवी को लोकसभा चुनाव के लिए अपना प्रत्‍याशी बनाया है, भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर अब तक अपना प्रत्‍याशी घोषित नहीं किया है। कांग्रेस ने संघवी के सामने भाजपा के 30 साल पुराना गढ़ को भेदने की जिम्मेदारी दी है। भाजपा के गढ़ को ध्वस्त करने के लिए संघवी ने कमर कस ली है।

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संघवी ने मैदानी स्तर पर कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम शुरू कर दिया है। मंगलवार रात हुए उनके नाम के ऐलान के बाद से ही व्यापक स्तर पर संघवी ने लोगों से मिलना, उनकी समस्याओं को सुनना प्रारंभ कर दिया। चुनावी समर में जनता भी अपनी अपनी मांगों को लेकर उम्मीदवार से मिलने पहुंच रही हैं। इंदौर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के पास तीन मंत्री और दो विधायक है। जो कांग्रेस को जिताने के लिए जी-जान लगा देंगे। वहीं भाजपा अभी भी असमंजस की स्थिति में नजर आ रही है। कांग्रेस के प्रत्याशी का नाम तय होने के बाद भाजपा ने बड़ी तेजी के साथ मंथन प्रारंभ किया है।

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बुधवार को पूर्व आईडीए अध्यक्ष शंकर लालवानी का नाम मैदान में घुमा, तो बाद में विरोधियों के स्वर भी तेज हो गए। ऐसे में जहां कांग्रेस अपना ग्राउंड मजबूत करने में लगी है, वहीं अब तक भाजपा अपने प्रत्याशी का चयन करने में असफल साबित हो रही है। हालांकि कांग्रेस इस बार सुमित्रा महाजन का मैदान में न उतरने को बड़ी जीत बता रहे हैं। इंदौर में 19 मई को मतदान होना है और 22 अप्रैल से नामांकन भरने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। ऐसे में अब तक भाजपा प्रत्याशी का चयन करने में उलझी है, और प्रचार के लिए मोदी के चेहर को ही आजमा रही है। कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारकर वोट हासिल करने की रणनीति बना ली है।

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गौरतलब है कि 8 बार से यहां सुमित्रा महाजन भाजपा को जीत दिलाते आई हैं, लेकिन इस बार ताई के चुनाव से इंकार के बाद से कांग्रेस इसे जीत का एक बड़ा पैमाना मान बैठी है और यही वजह है कि पूरे आत्मविश्वास के साथ कांग्रेस इस बार भाजपा के गढ़ को ध्वस्त करने में जुटी है।

 
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